November 23, 2024

कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफे का दौर जारी है। अब हरियाणा के इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lokdal) के नेता अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अभय चौटाला ने हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को एक भेजी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर कृषि कानून वापस नहीं लिया जाता तो इसे उनका त्यागपत्र समझा जाए।

अभय चौटाला ने अपनी चिट्ठी में 26 जनवरी तक का वक्त दिया है। उन्होंने कहा कि यदि 26 जनवरी तक केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा नहीं कि तो हरियाणा विधानसभा इसे उनका इस्तीफा समझें। यही नहीं, अभय चौटाला ने इस चिट्ठी के बाद यह भी दावा किया कि एक बार उनका इस्तीफा मंजूर हुआ तो हरियाणा विधानसभा से इस्तीफे की लाइन लग जाएगी।

अभय चौटाला ने अपने इस्तीफे के फैसले को चौधरी देवीलाल की विरासत का रखवाला बताया है। उनका कहना है कि ग्रामीणों ने उनसे कहा है कि यह फैसला सही मायने में चौधरी देवीलाल की विरासत आगे बढ़ानेवाला है, क्योंकि चौधरी देवीलाल भी जनता और किसानों के साथ हमेशा रहे हैं। और जब भी इनके विरोध में कोई फैसला लिया गया है तो हमेशा अपना इस्तीफा दिया था।

उनका कहना है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक सरकार कानून वापस लेने के रूख में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में विधानसभा में मेरी मौजूदगी का मुझे कोई महत्व नहीं नजर आता। चौटाला ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से ऐसी भयंकर ठंड और बारिश में भी किसान अपनी मांगों को डटे हुए हैं। जब पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना हो तो जीएसटी में तो संशोधन कर दिया जाता है, लेकिन किसानों की मांग पर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।

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