Live – देखें – दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुँचे बड़ी संख्या में मजदूर संगठनों ने किया मालिकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन , किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के लगाए नारे ,देखें Live – Share Video
किसान आंदोलन के साथ-साथ अब मजदूर अधिकार संगठन भी रोड पर आ गए हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जहां उन्हें 12 घंटे से ज्यादा काम कराया जाता है और पूरा मेहनताना नहीं मिलता इसी को लेकर आप भी किसानों का समर्थन करने के लिए मजदूर भी बॉर्डर पर आज डटे हैं…
मजदूरों ने आज कुंडली के उधोगो से हड़ताल कर रॉड पर उतर आए हैं.. कई हजार मजदूर इकट्ठे होकर अपनी एकता का परिचय देते हुए कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल हुए…और मजदूरों के मेहनताने से लेकर कार्य घण्टे में सुधार करवा ठेका पर काम न करने की भी बात कर रहे हैं,कई हजार मजदूर फैक्ट्री का काम छोड़ रोड पर आए हैं..
बिहार से कुंडली इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं का कहना है कि कंपनी में उन्हें पूरा पैसा नहीं मिलता.. वही मजदूरों को काम मिलने में दिक्कत पैदा हो रही है और खाने-पीने की भी नौबत आन पड़ी है.. वही मकान मालिक और राशन वाले को भी समय से पैसा ना जाने से परेशानी झेलनी पड़ रही है.. वही जब मालिकों से पैसे की डिमांड की जाती है तो वह कहते हैं कि लोग डाउन में तो भूखे नहीं मरे अब 2 दिन में कहां से भूखे मर जाओगे… वहीं महिलाओं ने 12 घंटे तक काम करने के बावजूद भी उन्हें पूरा पैसा ना मिलने का आरोप लगाया…
वही फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं का यह भी आरोप है कि उन्हें काम करने के बदले ₹6000 मिलते हैं और ₹3000 मकान किराए के चले जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राशन के लिए भी पैसा खर्च हो जाता है.. वहीं महंगाई के इस दौर में उनका गुजारा नहीं चल पाता है और वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लॉकडाउन के दौरान भी उनका किसी ने कोई किराया माफ नहीं किया था…
वही मजदूरों ने अपना दर्द निकालते हुए कहा कि जब किसान मजदूर अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन करता है तो उनके लिए कभी करो ना तो कभी धारा 144 आड़े आ जाती है लेकिन बिहार के इलेक्शन हुए वहां पर ना तो करोना नजर आया और ना ही धारा 144…
https://youtu.be/6TVHccvee-g
मजदूरों की मांगों को लेकर इकट्ठा हुए मजदूरों का कहना है किसान आंदोलन में किसान अकेला नहीं है उसके साथ मजदूर वर्ग भी साथ खड़ा हुआ है जब खेत में किसान मजदूर एक साथ काम करता है तो अब सड़क पर भी एक साथ है… और आज फैक्ट्रियों में काम ना करने की हड़ताल की है और सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसान आंदोलन का पूरा समर्थन करने की बात कही है..
अब किसान और मजदूर इकट्ठा होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेगा
अपने हकों की लड़ाई के लिए मजदूर एकता संगठन अब सड़कों पर है और जहां 12 घंटे काम को कम करवाने के लिए 8 घंटे की डिमांड मजदूर कर रहे हैं.. वही ठेका प्रथा को खत्म कर सीधा कंपनी के साथ काम करने की बात कहने वाली मजदूर महिला का कहना है कि उनकी सैलरी भी बढ़ाई जाए.. और आज कोई भी मजदूर फैक्ट्री में काम नहीं करेगा सभी मजदूर अपनी एकता का परिचय देते हुए अपने हकों की लड़ाई के लिए रोड पर उतर आए हैं यानी कि किसान और मजदूर अब एकजुट हो चुके हैं और सरकार के लिए गले का पास बनते हुए नजर आ रहे हैं..