December 23, 2024
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Live – देखें – Big News – करनाल के तीन गाँव ऐसे जहा एक बिरादरी की महिलाये नहीं रखती करवा चोथ का वर्त , 700 साल पुरानी दांस्ता संजोए हुए है कई परिवार – देखें Live – Share Video

आज हमारा देश चाहे बुलंदियों को छू रहा है साइंस विज्ञान ने तरक्की चाहे कितनी भी कर ली है फिर भी हमारे समाज में अंध विश्वास को नहीं दूर किया जा सका है ! आज भी हमारे समाज में कई मान्यताओं के चलते कई त्यौहार व रीति रिवाज पुराने तरीकों पर ही चल रहे हैं ! ऐसा ही एक अंध विश्वास या डर के चलते करनाल के गाँव कतला हेडी , औन्गद व गोंदर में महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं और इस परम्परा को आज काफी साल हो गए हैं की महिलाएं करवा चौथ को अपने पति की लम्बी उमर के लिए यह व्रत नहीं रख सकती हैं !

भारतीय संस्कृति व परम्पराओ में करवा चोथ का त्यौहार महत्व रखता है , लेकिन करनाल के यह तीन गाँव ऐसे है जिनमे सुहागिने इस त्यौहार को नई मनाती ! गाँव कतला हेडी ,औन्गद व गोंदर के शत्रिय समाज के चौहान गोत्र में यह त्यौहार नहीं मनाया जाता ! इसके पीछे कई पीड़ियो से चली आ रही पुरानी प्रथा है !

https://youtu.be/2Th78ou_gX0

गाँव के बुजुर्गों का कहना है की उनके पूर्वज महाराज बिरजू सिंह करीब 700 साल पहले कैथल के राहडा गाँव में ब्याए थे , उनकी पत्नी अपने मायके गई हुई थी जहा उसको सपना आया की उसके पति की हत्या कर शव को जंगल में छुपा दिया गया है , तब उसने स्वप्न का सार दृष्टान्त परिजनों को सुनाकर ससुराल औंगद जाने की बात कही ! वह परिजनों सहित जंगल में पति के शव के पास पहुच गई जिसे देखकर सभी हेरान रह गए ! चूंकि वह पतिव्रता स्त्री थी , वह अपने पति के साथ जंगल में ही पति की चिता में बैठकर सती हो गई !

वह दिन करवा चोथ का ही दिन था , करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मौत हुई थी , जिस के कारण उस महिला ने गाँव में करवा चौथ का व्रत न रखने की हिदायत दी थी जिस को आज तक सभी गाँव वाले व महिलाये मानते चले आ रहे हैं ! जबकि उस महिला को मरे हुए काफी साल हो चुके हैं फिर भी महिलाएं किसी अनहोनी के डर से यह व्रत नहीं रखती हैं !

महिलाओं में इस बात का डर भी है की वह अगर व्रत रखेंगी तो उनके पति या बच्चों को कुछ हो जायेगा जिस के कारण वह दिल करते हुए भी व्रत नहीं रखती हैं ! मन में इस चाहत को दबाये रखना उनकी मजबूरी है क्योंकि उनके बुजुर्ग भी नहीं इस परम्परा को तोड़ने देते ! बड़े बुजुर्गों का व अंध विश्वास का डर उनको कचोट ता रहता है !

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