हरियाणा पत्रकार संघ ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से पत्रकारों को 5 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा संरक्षण देने और अन्य मांगों को तुरन्त पुरा करने की मांग की। संघ ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री पत्रकारों की उचित मांगों के बारे में लम्बे समय से टाल-मटौल की नीति अपना रहे हैं।
संघ की जिला करनाल इकाई की साधारण सभा की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने गत 26 अक्तुबर 2018 को गाजे-बाजे के साथ पत्रकारों को 5 लाख रुपये का बीमा संरक्षण देने का शुभारम्भ किया था। लेकिन सरकार की टाल-मटौल की नीति के कारण बीमा संरक्षण योजना अभी तक लटकी पड़ी है।
संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने विधानसभा चुनाव से पूर्व और उसके बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पत्रकारों को चिकित्सा बीमा संरक्षण देने की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री इस सम्बंध में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सके हैं। इससे राज्यभर के पत्रकारों में बढ़ा गुस्सा है। प्रस्ताव में मुख्यमंत्री से कहा गया है कि पत्रकारों को चिकित्सा बीमा संरक्षण देने के मामले में शीघ्र ही सकारात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री के.बी. पंडि़त ने की। बैठक में नवनियुक्त जिलाध्यक्ष कमल मिड्डा, वरिष्ठ पत्रकार संदीप साहिल, देवेन्द्र गांधी, के.सी. आर्य, प्रवीन अरोड़ा, सोमदत्त कोशिक, धर्मेन्द्र खुराना, सुभाष गुरेजा, के.के. सन्धू, महेन्द्र सिंह, सुशील कौशिक, हरि कृष्ण आर्य (घरौंडा) एस.एस. बावा, हरीश मदान (असंध) विजय काम्बोज, सुरेश अत्रेजा (इन्द्री) सतीश जोशी, मुल्ख राज आहुजा, प्रदीप मैहता (नीलोखेड़ी) व जिले भर के अधिकांश पत्रकार उपस्थित थे।
प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य सरकार ने गत 6 वर्षों से पत्रकार मान्यता प्रदाय समिति का गठन नहीं किया है। इसी प्रकार सोशल मिडिया पर नीति की घोषणा भी नहीं की है। पत्रकार मासिक पैंशन योजना, लघु समाचार पत्रों के लिए लाभकारी विज्ञापन नीति आदि मामले भी लम्बे समय से लटके पड़े हैं। प्रस्ताव में करनाल के सांसद संजय भाटिया से भी अनुरोध किया गया है कि पत्रकारों की उचित मांगों को पूरा करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।