करनाल 6 जुलाई उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के 18 वर्ष से 70 वर्ष के मध्य आयु के नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना क्रियान्वित की जा रही है।
योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता होने पर 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। यह योजना पूरी तरह से नि:शुल्क है तथा पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत किसी भी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आने वाले केस इस योजना में कवर नहीं होंगे।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना एक दुर्घटना बीमा योजना है। इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु और दुर्घटना के कारण विकलांगता होने पर 1 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा। नई योजना के तहत कवरेज के दायरे में केवल वही हरियाणा निवासी और राज्य के मूल निवासी आएंगे, जोकि नामांकन न होने या किसी अन्य कारण से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत मृत्यु, रेल, सड़कया हवाई दुर्घटनाओं, दंगों, हड़ताल और आतंकवाद जैसी दुर्घटनाओं के कारण स्थायी दिव्यांगता, सांप के काटने, डूबने, विष, करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, मकान या भवन के गिरने, अग्नि, विस्फोट, हत्या, जानवरों के हमले, भगदड़ और घुटन, पाला मारने, लू लगने, बिजली गिरने, जलने, भूख या भुखमरी (केवल मृत्यु) और प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु जैसे मामले शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना में व्यावसायिक खतरों जैसे कि थ्रेसिंग मशीन या औद्योगिक मशीन या किसी अन्य अप्राकृतिक घटना के कारण मृत्यु या पूर्ण स्थायी दिव्यांगता भी शामिल हैं। योजना के तहत युद्ध और इससे संबंधित खतरे, परमाणु जोखिम और जानबूझ कर स्वयं को चोट पहुंचाने, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास, मादक पेय या मादक पदार्थों के कारण, यात्री के रूप में हवाई यात्रा के अलावा हवाई गतिविधियों में लिप्त होने तथा आपराधिक इरादे से किसी भी कानून का उल्लंघन करने के मामले शामिल नहीं हैं।
इस योजना के तहत पीएमएसबीवाई के अंतर्गत स्वीकृत लाभ का 50 प्रतिशत लाभ मिलेगा अर्थात दुर्घटना मृत्यु के लिए 1 लाख रुपये और दुर्घटना के कारण दोनों आंखों की पूर्ण या रिकवरेबल हानि या दोनों हाथों या पैरों की हानि या एक आँख की दृष्टि खोने या हाथ या पैर की हानि के मामले में 1 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है।
दिव्यांगता के मामले में लाभ का भुगतान दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को किया जाएगा, जबकि मृत्यु के मामले में लाभ वरीयता के आधार पर जीवित पति या पत्नी (यदि पुनर्विवाह न किया हो), सभी अविवाहित बच्चों को बराबर हिस्सा, माता तथा पिता को दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दुर्घटना पीडि़त या पात्र संबंधी (मृत्यु के मामले में) द्वारा आवेदन संबंधित जिला के जिला समाज कल्याण अधिकारी को किया जाएगा, जहां दुर्घटना पीडि़त दुर्घटना के समय रहता था। राशि का भुगतान सीधा पात्र दावेदार के बैंक खाते में किया जाएगा।
इस योाजना के तहत मृत्यु के मामले में जमा करवाए जाने वाले दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, दुर्घटना पीडि़त का आयु प्रमाण, दुर्घटना पीडि़त और पात्र रिश्तेदार (मृत्यु के मामले में) का आधार कार्ड, एफआईआर या पुलिस रोजनामचा रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र और यदि दावेदार जीवित पति या पत्नी है तो इस आशय का हलफनामा कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है, शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह दिव्यांगता के मामले में जमा किए जाने वाले दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र और सक्षम प्राधिकारी द्वारा राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण, आधार कार्ड और दिव्यांगता की प्रतिशतता तथा उसके प्रकार की पुष्टिï करते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट तथा मेडिको-लीगल रिपोर्ट शामिल होंगी।
उन्होंने बताया कि मृत्यु की तिथि के छह महीने बाद तथा दिव्यांगता की तिथि से 12 महीनों बाद जमा करवाए गए किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।