November 24, 2024

करनाल भारतीय समाज में अक्सर कहा जाता है कि देश में पीएम, राज्य में सीएम और जिले में डीएम के पास ही जनता के लिये कुछ भी बेहतर कर पाने की ताकत होती है। यूं तो देश के विकास में सबकी भूमिका होती है, परन्तु देश व राज्य की पूरी मशीनरी विकास संबंधित योजनाओं का जो खाका तैयार करती है, उनका लाभ लोगों तक पहुंचाने की मुख्य जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर की ही होती है और तभी बदलाव सही शक्ल भी लेता है।

लोकप्रिय और सुघड़ जिलाधिकारी विकास योजनाओं का लाभ जन-जन को मिले यह सुनिश्चित करते हैं। चूंकि वे अपनी तैनाती के दौरान जिले की प्राकृतिक संपदाओं, कृषि, सड़क, बिजली, वित्त और मानव पूंजी से भली भांति परिचित हो चुके होते हैं, इसलिए समस्याओं का निदान और विकास के नए पायदान गढऩे के सूत्र उनके पास होते हैं। उन्हें पता होता है कि जिला में कितने संसाधन हैं और किस हिस्से को क्या जरूरत है, उसी के अनुरूप जिलाधिकारी योजनाएं बनाते हैं और उससे विकास को गति मिलती है।

किसी भी योजना की सफलता या असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह आम लोगों से कितनी और किस तरह जुड़ी है तथा उसका लाभ जनता को किस तरह मिलने वाली है। वैसे तो जिलाधिकारी का विकास में सबसे अहम योगदान है, परन्तु आजकल ये आम धारणा बना दी गयी है कि ये करते ही क्या हैं।

अक्सर इसे नकारात्मक रूप में पेश किया जाता है, जबकि वास्तविकता ये है कि सर्वांगीण विकास से लेकर किसी भी योजना के क्रियान्वयन तक में इनकी भूमिका सबसे अहम होती है।

50 लोकप्रिय कलेक्टर के फेम इंडिया के ताजा अंक में जिलाधिकारियों का विकास और प्रगतिशीलता में दिये गये योगदान को सामने लाने का प्रयास किया गया है। एक जिम्मेदार व सकारात्मक मीडिया होने के नाते फेम इंडिया ने इस बार देश निर्माण में अपनी बेहतर भूमिका निभा रहे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों को श्रेय देने का निर्णय किया है। वर्तमान में देश भर में 724 जिले हैं।

फेम इंडिया मैगजीन ने एशिया पोस्ट सर्वे के साथ मिलकर विभिन्न स्रोतों, प्रबुद्ध लोगों की राय और ग्राउंड एवं मीडिया रिपोर्टों के आधार पर लोकप्रिय कलेक्टरों का चयन किया जो अपनी उत्कृष्टता के कारण विशिष्ट स्थान रखते हैं।

सभी जिलाधिकारियों को स्टेकहोल्ड सर्वे के आधार पर 50 कैटेगरियों में बांटा गया और हर कैटगरी के प्रमुख लोकप्रिय कलेक्टर को फेम इंडिया के अंक में प्रकाशित किया जा रहा हैं।

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट का यह सर्वे जिलाधिकारियों के शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता, छवि और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किया गया ।

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