April 20, 2024

Live – देखें – Big News – SBI की शिकायत से पहले 400 करोड़ का चूना लगाकर विदेश भाग गया करनाल का बड़ा चावल कारोबारी ,CBI ने मामला किया दर्ज ,देखें Live – Share Video

सीबीआई ने हाल में पश्चिम एशियाई देशों और यूरोपीय देशों को बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के खिलाफ एसबीआई की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

एसबीआई ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसको 173 करोड़ रुपये का चूना लगाया है !

पिछले कुछ सालों से भारतीय बैंकों से करोड़ो रुपया का लोन लेकर विदेश भाग जाने वालों की सूची बढ़ती ही जा रही है। विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों की सूची में तीन नाम और शामिल हो गए हैं।

करनाल की राम देव इंटरनेशनल के तीन प्रवर्तक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई वाले छह बैंकों के गठजोड़ के साथ 411 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद देश से फरार हो चुके हैं। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हाल में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सीबीआई की जांच में पता चला है दिल्ली व करनाल में रहने वाले इस कंपनी के मालिक ने 6 बैंकों से उधार लिया था और साल 2016 से लापता है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एसबीआई द्वारा इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने से पहले ही ये देश से भाग चुके हैं।

सीबीआई ने हाल में पश्चिम एशियाई देशों और यूरोपीय देशों को बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के खिलाफ एसबीआई की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

इनपर धोखाधड़ी, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। एसबीआई ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसको 173 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

एसबीआई ने शिकायत में कहा है कि कंपनी की करनाल जिले में तीन चावल मिलें , आठ छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां हैं। कंपनी ने व्यापार के लिए सऊदी अरब और दुबई में कार्यालय भी खोले हुए हैं। एसबीआई के अलावा कंपनी को ऋण देने वाले बैंकों में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते अभी तक इस मामले में छापेमारी की कार्रवाई नहीं की गई है। जांच एजेंसी इस मामले में आरोपियों को समन की प्रक्रिया शुरू करेगी।

अधिकारियो ने कहा कि यदि आरोपी जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसबीआई की शिकायत के अनुसार इस कंपनी का खाता 27 जनवरी, 2016 को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया था।

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