हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के परिजनों को भी सुरक्षा दी गई है। यदि लॉकडाउन में किसी कर्मचारी के साथ अनहोनी होती है तो उसके परिजनों को 30 लाख रुपए की राशि दी जाएगी
यदि किसी प्राइवेट अस्पताल में भी कोरोना वायरस से लड़ते हुए किसी डॉक्टर के साथ अनहोनी होती है तो परिजनों को सरकारी डॉक्टर के परिवार की तरह 50 लाख रुपए दिए जाएंगे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को राज्य के लिए तीन बड़ी घोषणाएं की। शाम को प्रदेश के नाम संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर और कर्मचारी भी जंग लड़ रहे हैं। इसलिए उनके लिए भी एक्सग्रेशिया राशि की घोषणा की।
यदि किसी प्राइवेट अस्पताल में भी कोरोना वायरस से लड़ते हुए किसी डॉक्टर के साथ अनहोनी होती है तो परिजनों को सरकारी डॉक्टर के परिवार की तरह 50 लाख रुपए दिए जाएंगे, जबकि नर्स के परिजनों 30 लाख और पैरामेडिकल स्टाफ के परिजनों को 20 लाख और अन्य कर्मचारियों के परिजनों को एक्सग्रेशिया के तौर पर 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के परिजनों को भी सुरक्षा दी गई है। यदि लॉकडाउन में किसी कर्मचारी के साथ अनहोनी होती है तो उसके परिजनों को 30 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडियों में फसल लाने में देरी हो रही है।
इसलिए किसान अपना फसली ऋण 30 जून तक जमा करा सकते हैं। पहले यह तारीख 15 अप्रैल निर्धारित थी। इस अवधि से 30 जून तक किसी से ब्याज नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने भी एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए का बजट देश के लिए जारी किया है।
अब तक 48 करोड़ रुपए हुए फंड में जमा : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लगातार दूसरे दिन भी कोरोना की वजह से आर्थिक संकट की बात की। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से लड़ने के लिए सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी तक आम लोगों ने 24 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई है, जबकि संकट के इस समय में 46 हजार कर्मचारियों ने 24 करोड़ रुपए दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक पोर्टल बनाया गया था, जिसमें सहयोग देने की आखिरी तारीख 2 अप्रैल थी, लेकिन कुछ ने इसे बढ़ाने को कहा है। इसलिए तारीख 2 दिन और बढ़ा दी है।