( रिपोर्ट: कमल मिड्ढा ): करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा करनाल जिले को भी लॉक डाउन कर दिया गया है। अब लोगों को ३१ मार्च तक अपने घर में ही रहना होगा। धारा-१४४ का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। जरूरत की चीजों की बिक्री खुली रहेगी, परन्तु अन्य सभी चीजों पर पहले की तरह प्रतिबंध रहेगा।
उपायुक्त ने देर सायं सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित एक प्रेसवार्ता में बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा करनाल जिले को भी कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन कर दिया गया है। इस लॉक डाउन होने से लोगों को अपने घरों में रहना होगा। पूरे जिले की अन्य प्रदेश से लगने वाली सीमाओं को सील कर दिया गया है।
लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, यदि कोई अनुपालना नहीं करेगा तो कानून के अनुसार उन पर कार्यवाही की जाएगी। जरूरी चीज के लिए एक व्यक्ति एक बार ही घर से बाहर जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बताया कि बीपीएल परिवार के लोगों को अप्रैल मास का राशन डिपो पर मुफ्त मिलेगा और प्रति माह ४५०० रूपये देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने ऐसे परिवार, जो मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना में रजिस्ट्रड है, उन्हें भी ३१ मार्च तक २००० रूपये उनके खाते में भेजने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ६ हजार रूपये वार्षिक दिए जाते है, ४ हजार रूपये पहले ही उनके खाते में दिए जा चुके है।
उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा श्रम निर्माण बोर्ड के पंजीकृत को भी सरकार की ओर से ४५०० रूपये प्रतिमाह दिया जाएगा और यह राशि एक हजार रूपये सप्ताह दी जाएगी। पहले सप्ताह की राशि ३० मार्च होगी। इतना ही नहीं ऐसे डेली वेजिज प्रतिदिन दिहाड़ी व रेहड़ी व फड़ी लगाने वालों को भी सरकार ने आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।
जिनका नाम किसी भी योजना में रजिस्ट्रड नहीं है, उनके लिए जिला उपायुक्त को अधिकृत किया गया है कि वह अपने स्तर पर उनका नाम रजिस्ट्रड करवाकर, उन्हें लाभ दें ताकि गरीब व्यक्ति को इस लॉक डाउन में आर्थिक दिक्कत ना आए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिजली के बिल, पानी के बिल, सीवरेज के बिल, जिनकी तारीख नजदीक थी, उसे बढ़ाकर ३० अप्रैल कर दिया गया है। हरियाणा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जो वहां रजिस्ट्रेशन होने है,उनकी भी तारीख बढ़ाकर ३० अप्रैल कर दी गई है।
उपायुक्त ने बताया कि जरूरत की चीजों के लिए करियाना स्टोर व उनके सप्लायर, सब्जी मंडी, मीट की दुकान, शराब के ठेके, डीजर-पैट्रोल पम्प, मैडिकल स्टोर, अस्पताल, गैस एजेंसी सभी खुली रहेगी। इसके अतिरिक्त कोई भी प्राईवेट वाहन, सरकारी वाहन, ई-रिक्शा, चलाने की अनुमति नहीं है। जो भी जरूरत का सामान लाने वाला वाहन होगा,उसको अनुमति रहेगी।
पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने प्रेसवार्ता में कहा कि आज सायं ६ बजे से सीमाओं पर नाके लगा दिए गए है। जिन दुकानों व प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध है,उन्हें पुलिस द्वारा बंद करवाया जा रहा है। मैडिकल स्टोरों पर एक मीटर फासले पर लोगों की लाईन लगाने के लिए मालिकों को निर्देश दिए गए है।
कोई भी दुकानदार व व्यक्ति जरूरत का सामान इक_ा ना करें, इसके लिए छापामारी चलाई जा रही है। जरूरत का सामान लॉक डाउन के समय भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस २४ घंटे चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगी। नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जिले में स्थापित की जाएगी कोरोना वायरस संक्रमण जांच की प्राईवेट लैब:डीसी
उपायुक्त ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए जिले में २-३ प्राईवेट लैब को अनुमति दी जाएगी, जो सरकार के नियम पूरे करती है, इसके लिए १५०० रूपये प्रथम टेस्ट और पॉजिटिव आने पर ३ हजार रूपये टेस्ट के निर्धारित किए गए है। इसके साथ-साथ अनुमान है कि अगले सप्ताह तक कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज में भी यह लैब स्थापित हो जाएगी।
गांव में भी कानून का पालन करवाया जाएगा: डीसी
उपायुक्त ने बताया कि शहर में ही नहीं बल्कि गांवों में भी कानून के नियमों की पालना की जाएगी। मुनियादी करवाई जाएगी और गांवों की पंचायत को सख्त निर्देश दिए जाएंगे की वह अपने गांव में इसका ध्यान रखे कि कोई भी व्यक्ति घर से बाहर ना निकले। उन्होंने यह भी बताया कि जिला में पर्याप्त मात्रा में मास्क , सेनेटाईजर व मैडिकल सुविधा है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
जिले में कोई केस नहीं है पॉजिटिव: डीसी निशांत कुमार यादव।
उपायुक्त ने पत्रकारों को बताया कि अभी तक जिले में १७ लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की गई थी, जांच के बाद सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
घर से बाहर ना निकले लोग, बताना होगा कारण, नहीं तो होगी कार्यवाही: एसपी सुरेन्द्र भौरिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लॉक डाउन के कारण यदि कोई व्यक्ति कार, मोटर साईकिल या अन्य साधनों से बाहर निकलता है तो उससे बाहर निकलने का कारण पूछा जाएगा, यदि कारण सही नहीं पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। घरों से बाहर निकलना ऐसी स्थिति में ठीक नहीं है। जनहित में भी लोगों को यह निर्णय करना चाहिए किसी के दबाव में नहीं।