प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेक्टर सात स्थित सेवा केंद्र में होली का त्यौहार उमंग उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर सेवा केंद्र इंचार्ज ब्रह्माकुमारी पे्रम दीदी ने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है जो वास्तव में प्रभु के ज्ञान के रंग में प्यार के रंग में गुणों के रंग में रंगने का प्रतीक है। शिव परमात्मा ब्रह्मा के नयनों रूपी पिचकारी से हर आत्मा को अपने संग के रंग में रंग देते हैं। यह अविनाशी ज्ञान का रंग आत्मा पर चढ़ जाता है तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो इस रंग को उतार सके।
उन्होंने कहा कि होली का सच्चा अर्थ है कि मैं आत्मा परमात्मा की हो ली अर्थात हो गई। होली का दूसरा अर्थात है जो हो ली सो हो ली अर्थात जो हो गया सो हो गया बीत गया अब उसे क्या सोचना व याद करना और होली का अर्थ है पवित्र बनना और बनाना। ब्रह्माकुमारी शिखा बहन ने कहा कि एक है होली जलाना अर्थात अपने अंदर होने वाले बुरे संस्कारों, संकल्पों, वृतियों व विकृतियों को योग की अग्नि में जलाना और दूसरे दिन खुशी-खुशी एक दूसरे को ज्ञान रंग लगाना।
इस दिन मिठाई खाना खिलाना मधुरता के बोल बोलने का प्रतीक है व गले मिलना संगमयुग में आत्मा का परमात्मा के साथ मिलने का प्रतीक है। इस अवसर पर डा. डीडी शर्मा, डा. जीएस शर्मा, डा. विनोद कालरा व कैप्टन आरके राणा विशेष रूप से पहुंचे। कार्यक्रम मेंं ज्ञान सरदाना, डा. पीके जैन, एचके मलिक, रामनिवास, जगदीश कादियान, ऋषिराज शर्मा, डा. हरदीप सिंह, कुणाल मलिक, हरि कांबोज, सुरेश खुराना, सुरिंद्र, डा. केके चावला, भारत चावला, सुनील वालिया, महिंद्र संधु, राज नारंग, छवि चौधरी, सिमरण चौधरी, सुनीता मदान, पूनम सरदाना, गीता गुप्ता, रमन गुप्ता व नीलम चौधरी आदि मौजूद रहे। सबको होली का तिलक लगाया गया।