कुमारी विद्यावती डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनाया राष्ट्रीय मतदाता दिवस, जिला उपायुक्त ने दिलाई वोट बनवाने और प्रयोग करने की शपथ, वोट बनाने वाले बीएलओ, चुनाव से जुड़ कर्मचारियों व विद्यार्थियों को किया सम्मानित, कॉलेज की छात्राओं ने दी सुंदर प्रस्तुति।
करनाल उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने कहा कि पिछले कईं वर्षों से 25 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय मतदाता दिवस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। वोट एक ऐसी ताकत है जिससे देश के भावी भविष्य की नींव रखी जाती है और प्रत्येक व्यक्ति का वोट राष्ट्रीय के निर्माण में भागीदार बनता है।
उपायुक्त आज शहर के कुमारी विद्यावती डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 10वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित जिला स्तरीय मतदाता दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन जिला चुनाव कार्यालय, डीएवी कॉलेज व इसके निर्वाचक साक्षरता क्लब के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था। इससे पूर्व उपायुक्त ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित की।
उपायुक्त ने बताया कि भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से सम्पन्न करवाने की जिम्मेवारी भारत निर्वाचन आयोग की होती है, जिसका गठन आज ही के दिन यानि 25 जनवरी, 1950 को हुआ था और इसके एक दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बना था।
देश में संविधान के अनुरूप लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव करवाने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन जरूरी था। इसके तहत वर्ष 1951-52 में पहले आम चुनाव का संचालन हुआ और इस प्रकार हमने आज निर्वाचनों के 70 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन वर्ष 2011 से शुरू हुआ था जो हमें राष्ट्रीय के प्रति हमें अपने कत्र्तव्य की याद दिलाता है। यह दिवस हमें बताता है कि हर पात्र व्यक्ति के लिए मत बनवाना और उसका प्रयोग करना जरूरी है, क्योंकि वोट से सरकारें बनती है और वोट से ही एक अच्छा प्रतिनिधि चुना जा सकता है, लेकिन प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर ही करना चाहिए ताकि उससे ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव हो जो देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सके।
महापुरूषों की परिकल्पना को जीवित रखने व आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को वोट बनवाकर उसका प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद सभी ने उपायुक्त के नेतृत्व में मतदाता शपथ ली। शपथ में कहा गया कि हम भारत के नागरिक लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षूण रखते हुए निर्भीक होकर धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मतदाधिकार का प्रयोग करेंगे।