Live – देखें – Big News – करनाल पूर्व गृह राज्य मंत्री ID Swami जी के अंतिम संस्कार में पहुँचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व गृह मंत्री अनिल विज ,देखें Live – Share Video राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार ,देखें Video
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री आई.डी. स्वामी का सोमवार को शहर के अर्जुन गेट स्थित शिवपुरी श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। आई.डी. स्वामी के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र राजेन्द्र स्वामी ने मुखाग्रि दी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, गृहमंत्री अनिल विज, सांसद संजय भाटिया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, पुंडरी के विधायक रणधीर सिंह गोलन, महीपाल ढांढा, पूर्व मंत्री राम बिलास शर्मा, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी, पूर्व विधायक भगवानदास कबीर पंथी, प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, भाजपा जिला अध्यक्ष जगमोहन आंनद, मेयर रेनू बाला गुप्ता, भाजपा नेता अशोक सुखीजा, आई.जी. योगेन्द्र सिंह नेहरा, डी.सी. विनय प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार भोरिया तथा बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्तियों तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री करीब 11 बजे दिवंगत आई.डी. स्वामी के निवास स्थान सैक्टर 13 स्थित मकान नम्बर 947 पर पहुंचे और उन्होंने आई.डी. स्वामी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर शोकाकुल परिवार के साथ दुख प्रक ट किया और कहा कि आईडी स्वामी के निधन से भाजपा के साथ-साथ समाज को एक बड़ी क्षति पहुंची है, जिसकी भरपाई करना नामुमकिन है। शवयात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने आई.डी. स्वामी की अर्थी को कन्धा भी दिया। उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई थी तथा गमगीन थे।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री जाटो गेट स्थित पार्षद युद्धवीर सैनी के घर गए और पार्षद के ताऊ 57 वर्षीय रमेश चंद सैनी के निधन पर शोक प्रकट किया। रमेश चंद सैनी कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और अचानक चल बसे। वे अपने पीछे पत्नी रानी, एक बेटा व दो बेटियां छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार के साथ दुख बांटते हुए कहा कि ईश्वर आपको दुख की इस घड़ी में हिम्मत दे और दिवंगत रमेश चंद सैनी को अपने चरणों में स्थान दे।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा नेता अशोक भंडारी के भाई सुरेश भंडारी 87 वर्षीय के निधन पर उनके संतनगर स्थित आवास पर गए और शोक प्रकट किया। उन्होंने भंडारी परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर उन्हें सांत्वना दी। दिवंगत सुरेश भंडारी आरएसएस से लम्बे समय तक जुड़े रहे और अब बीमार होने के कारण चल बसे। वे अपने पीछे पत्नी सुदर्शन देवी, एक बेटा राजेश भंडारी तथा तीन बेटियां छोड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार देवेन्द्र गांधी की माता 62 वर्षीय प्रेमलता के आकस्मिक निधन पर दुख प्रकट करने रामनगर स्थित उनके आवास पर गए। उन्होंने दुख की इस घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने गांधी परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि संसार नश्वर है और सत्य केवल भगवान है। दिवंगत प्रेमलता अपने पीछे पुत्र देवेन्द्र गांधी व शैल गांधी के साथ दो बेटियां छोड़ गई हैं।
शोक कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, मेयर रेनू बाला गुप्ता, भाजपा नेताओं में चंद्र प्रकाश कथूरिया, शमशेर नैन, अशोक सुखीजा, मुकेश अरोड़ा, योगेन्द्र राणा, कृष्ण गर्ग, बृज गुप्ता, कविन्द्र राणा, दिनेश कुमार, निर्मल बहल, पार्षद राजेश अग्गी, पार्षद ईश गुलाटी, पार्षद मेघा भंडारी, श्याम सुंदर थरेजा, दीवान ताराचंद, मंडलाध्यक्ष अमर ठक्कर, प्रवीण लाठर, दीपक गुप्ता, अशोक जैन व लखबीर सहगल मौजूद रहे।
विलक्षण प्रतिभा के धनी थे आईडी स्वामी
विलक्षण प्रतिभा के धनी आई.डी. स्वामी का जन्म 10 अगस्त 1929 को अम्बाला जिला के गांव मोहड़ा में हुआ था। उन्होंने गांव के स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली और फिर कॉलेज की शिक्षा अम्बाला कैन्ट में ली। पंजाब यूनिवर्सिटी से एम.ए., एल.एल.बी. की। इसके बाद पंजाब सिविल सर्विस में सैलेक्ट हुए और सिटी मैजिस्ट्रेट तथा एसडीएम जैसे पदों पर रहे। पदोन्नति पाकर आई.ए.एस बने और सिरसा व हिसार में उपायुक्त के पद पर काम किया।
सर्विस से रिटायर होने के बाद वर्ष 1990 में भाजपा ज्वाईन की और फिर 1996 में अपने प्रथम चुनाव में करनाल क्षेत्र से जीत कर सांसद बने, उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के चिरंजी लाल शर्मा को पराजित किया। इसके बाद वर्ष 1996 में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल से हार गए। फिर 1999 में चुनाव मे भजन लाल को रिकॉर्ड मतों से हरा कर विजयी रहे और उन्हें केन्द्र में गृह राज्य मंत्री का पद मिला।
इसके बाद वे कांग्रेस के अरविंद शर्मा से हार गए। पिछले कई वर्षों से उम्र दराज होने के कारण वे राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर थे।