November 22, 2024
  • स्मार्ट सिटी को ईको फ्रैंडली बनाने के लिए नगर निगम की ओर से मौजूदा साईकिल स्टैण्ड़ो की संख्या बढ़ाई जाएगी,
  • तीन नए स्टैण्ड़ बनाने का लिया गया है निर्णय,
  • साईकिल स्टैण्ड़ो का रख-रखाव कर रही प्राईवेट एजेंसी लोगो को जागरूक करने के लिए करेगी मोटीवेशनल ईवेंट का आयोजन – निगमायुक्त निशांत कुमार यादव।

करनाल 2 नवम्बर: शहर को इको फ्रैंडली बनाने के मकसद से करीब साढे 3 वर्ष पहले नगर निगम द्वारा पब्लिक बाईक शेयरिंग मॉडल के तहत सिटी की अलग-अलग लोकेशन पर बनाए गए डेढ दर्जन डॉकिंग स्टेशन अथवा साईकिल स्टैण्ड़ (सांझी साईकिल) की संख्या बढ़ाकर अब इसे ओर अधिक सुदृढ़ बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है।

इसके तहत निगम द्वारा शीघ्र ही तीन नए साईकिल स्टैण्ड़ बनाए जाएंगे, जो अग्रसेन चौक से नए बस स्टैण्ड़ के रूट पर रहेंगे। अर्थात प्रथमअग्रसेन चौक के पास, द्वितीय बलड़ी बाईपास तथा तृतीय नए बस स्टैण्ड़ के गेट पर बनेगा।

नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निगम द्वारा बीती 26 अप्रैल 2016 को एक निजी एजेंसी मैसर्स पायनियर पब्लिसिटी कॉर्पोरेशन को 18 साईकिल स्टैण्ड़ अलॉट किए गए थे, जो एजेंसी द्वारा वर्तमान में 14 स्टैण्ड़ चलाए जा रहे हैं।

निगम द्वारा इस मॉडल को बनाए रखने तथा इसे ओर अधिक कारगर बनाने के लिए 21 सक्षम युवाओं की ड्यूटी लगाई गई, जिन्होंने साईकिल स्टैण्ड़ से साईकिल लेकर उनका प्रयोग करने की जानकारी जुटाई और पाया कि अभी भी इच्छुक व्यक्ति संतोषजनक पैमाने पर साईकिलों को प्रयोग में ले रहे हैं। सक्षम युवाओं को यह भी जिम्मेदारी दी गई कि वे मौजूदा साईकिल स्टैण्ड़ो के रख-रखाव का भी निरीक्षण करें, यानि स्टैण्ड़ो पर कितनी साईकिले खराब या कितनी प्रयोग किए जाने योग्य हैं।

सक्षम युवाओं द्वारा एक तरह से किए गए इस सर्वे में सितम्बर मास में पाया गया कि 1200 व्यक्तियों द्वारा साईकिलो को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए प्रयोग में लाया गया, जिनमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड़, आई.टी.आई. चौक व निर्मल कुटिया पर सबसे ज्यादा व्यक्यिों पर साईकिले प्रयोग में लाई गई। यहां यह बताना भी उचित है कि नगर निगम द्वारा मौजूदा सभी साईकिल स्टैण्ड़ो पर जरूरत अनुसार नई साईकिलें भी दी गई।

आयुक्त ने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए तीन नए साईकिल स्टैण्ड़ बनाने का निर्णय लिया गया, जो ऊपर कही गई लोकेशन पर बनाए जाएंगे, ताकि शहर से नए बस स्टैण्ड़ तक जाने वाले लोगों को सस्ती और सुलभ साईकिल सुविधा उपलब्ध हो सके और उनके समय व धन की भी बचत हो।

उन्होंने बताया कि आम जनता को इस बारे जागरूक करने के लिए मैसर्स पायनिर पब्लिसिटी प्राईवेट लिमिटेड एजेंसी को कहा गया है कि वे निकट भविष्य में शहर में मोटीवेशनल ईवेंट यानि प्रेरक कार्यक्रमो का आयोजन करें, जिससे जनता को यह संदेश दिया जाए कि साईकिल चलाना ना केवल स्वस्थ्य रहने के लिए अच्छा है, बल्कि यह आज के दौर में इंजन चालित वाहनो में खर्च महंगे ईंधन की बचत भी करता है।

सबसे अहम बात यह है कि साईकिल से किसी तरह के प्रदूषण का उत्सर्जन भी संभव नहीं। निगम द्वारा शहर में साईकिल ट्रेक भी बनाए गए हैं, इनमें बलड़ी बाईपास से अम्बेडक़र चौक तक मजबूत और सुगम साईकिल ट्रैक उपलब्ध है।

इस सम्बंध में निगम आयुक्त का यह भी कहना है कि शहर में साईकिल चलाना कोई लो स्टेटस में नहीं आता, बल्कि यह कल्चर तो पहले से ही विकसित देशो में मौजूद है, जहां के नागरिक इसे शान की सवारी और पर्यावरण हितैषी मानकर अपने देश की समृद्धि और खुशहाली में योगदान देते हैं।

हम लोग भी ऐसे कल्चर से प्रेरणा लेकर अपने शहर व प्रदेश को पर्यावरणोन्मुखी बना सकते हैं। इससे किसी ना किसी रूप में हम ग्लोबल वार्मिंग के लगातार बढ़ते खतरे और प्रदूषण से घिरे मानव जीवन को राहत भरा बना सकते हैं।

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