जिलाधीश करनाल विनय प्रताप सिंह ने आपराधिक प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी कर जिला में ध्वनि प्रदूषण को कम करने के उद्ïदेश्य से बिना मंजूरी के लाऊड स्पीकर का प्रयोग करने पर निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
जिलाधीश के आदेश में स्पष्टï किया गया है कि राजनीतिक पार्टियां, उम्मीदवार, कार्यकर्ता या शुभचिंतक चुनाव अभियान में जो लाऊड स्पीकर प्रयोग कर रहे हैं, उसकी ध्वनि से आम आदमी प्रभावित होता है। वैज्ञानिक शौध के अनुसार ध्वनि प्रदूषण से व्यक्ति को थकान, उच्च रक्तचार, दिमाग के सोचने की शक्ति क्षीण होना, खराब पाचन शक्ति तथा हृदय रोग जैसी अनेक बिमारियों से प्रभावित होता है। ध्वनि प्रदूषण से आम आदमी की शांति और स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति से बचने तथा जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे आदेश पारित किए गए हैं।
आदेश में आगे कहा गया है कि आम आदमी को इन सभी कुप्रभावो से बचाने के लिए चुनावी उद्ïदेश्य से की जा रही जन सभाओं में लाऊड स्पीकर के प्रयोग के लिए चुनाव की घोषणा से लेकर चुनाव परिणाम आने तक प्रात: 6 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। रात्रि 10 बजे से लेकर प्रात: 6 बजे तक वाहनो या किसी अन्य स्थान पर लाऊड स्पीकर तथा साउंड-एम्प्लिफायर पर भी प्रतिबंध रहेगा।
आदेशानुसार सभी राजनीतिक पार्टियां, उम्मीदवार तथा अन्य व्यक्ति जो लाऊड स्पीकर का प्रयोग रिक्शा, टैक्सी, कार, थ्री-व्हीलर या अन्य वाहनो पर कर रहे हैं, इसके लिए वाहन की पहचान सहित लाऊड स्पीकर की लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य है। यह अनुमति सम्बंधित विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी तथा सम्बंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी द्वारा दी जाएगी। बिना अनुमति तथा निर्धारित समय के अतिरिक्त प्रयोग में लाए जा रहे लाऊड स्पीकर, उसके साथ प्रयोग किए जा रहे अन्य उपकरण तथा वाहन को सम्बंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया जाएगा।
करनाल जिला में चुनाव शुरू होने से 48 घण्टा पहले तक से ही अनुमतिशुदा वाहनो पर लाऊड स्पीकर प्रयोग किए जा सकेंगे। अन्यथा इसके बाद प्रयोग किए जाने वाले लाऊड स्पीकर और वाहन को भी जब्त कर लिया जाएगा।
जिलाधीश ने इन आदेशो की सख्ती से अनुपालना के लिए पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे तथा इनका उल्लंघर करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकारी ड्ïयूटी पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी पर यह ओदश लागू नही होंगे।