बच्चों के बीच हिंदी कविता पाठ व भाषण प्रतियोगिता करवाई गई। जल ही जीवन है विषय पर बच्चों द्वारा लघु नाटिका और मूक नाटिका (माइम ) प्रस्तुत की गई जिसमें बच्चों ने जल के महत्व और उसकी कमी से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी। राष्ट्र भाषा हिंदी के महत्व बारे बोलते हुए विद्यालय के प्रिंसिपल कृष्ण कुमार मलिक ने कहा कि आज युवाओं में इंग्लिश के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है जोकि चिंता का विषय है। मलिक ने कहा कि पूरे विश्व में लोग अपनी मातृभाषा को प्रयोग करते हैं और भारत मे अपनी मातृभाषा बोलना अपराधबोध बना दिया गया है।
पूरा विश्व इस बात का गवाह है कि जिस भी देश में अपनी संस्कृति और भाषा का सम्मान नहीं होता उसका पतन निश्चित है। मलिक ने बच्चों को के हमें सभी भाषाओं और संस्कृति का सम्मान करते हुए अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। भाषण प्रतियोगिता में अनन्या,लवली और दीपांशी को क्रमश: प्रथम, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। कविता पाठ प्रतियोगिता में मुस्कान, प्रतीक्षा, हिमांशी, ईशा, यशिका, प्रिंस, अनुज, तमन्ना और कौशिकी ने भाग लिया।
माइम में कीर्ति, मुस्कान, रीति, रिंकी,रेणुका और रचना ने अभिनय से सबको प्रभावित किया। मंच संचालन गरिमा और लताशा ने किया। लघुनाटिका जल ही जीवन है में हर्षद, शुभम ,अस्तित्व और आदित्य ने अपनी बढिय़ा डायलॉग से समा बांध दिया। इसके अतिरिक्त लघु नाटिका में सुजल, यशिका, प्रिंस, नीतू,दीपांशी, ईशान,पारस ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन पूनम, कुसुम, नवजोत, संगीत और मंजू की देखरेख में किया गया।