October 30, 2024
  • सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट रूल के क्रियान्वयन को लेकर हरियाणा सजग,
  • करनाल में किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन,
  • 11 जिलो के उपायुक्त व निगम आयुक्तो ने लिया भाग।
  • प्रदेश के शेष जिलो के लिए अगली कार्यशाला 6 को कुरूक्षेत्र में।  

करनाल 4 अप्रैल,   हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने कहा कि प्रदेश को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए करनाल के मॉडल को अपनाएं। करनाल गत 3 वर्षों से लगातार राष्टï्रीय स्तर की स्वच्छता प्रतिस्पर्धा में सम्मानजनक स्थान पर तथा हरियाणा में प्रथम रहा है। हम कोशिश करेंगे कि इस उपलब्धि के लिए हम ओर आगे बढ़ें। वे गुरूवार को करनाल के सैक्टर-8 स्थित जिमखाना क्लब में सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट रूल और उनके क्रियान्वयन को लेकर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न जिलो से आए अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

इस कार्यक्रम में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण, करनाल मण्डल आयुक्त विनीत गर्ग, स्थानीय निकाय हरियाणा के महानिदेशक समीर पाल सरों, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह सहित 10 जिलो के उपायुक्त, विभिन्न नगर निगम आयुक्त व सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण कार्यशाला का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया और उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता एक अहम मुद्ïदा है। सरकार भी इसे गम्भीरता से ले रही है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायोमैडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन व डैमोलिशन वेस्ट के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना है। उन्होंने बताया कि इसी संदर्भ में कुछ जिले और कस्बो को एन.जी.टी. की ओर से एक्शन प्लान तैयार करने और 6 महीने के अंदर-अंदर उनकी अनुपालना की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण ने कार्यशाला के मकसद पर बोलते हुए बताया कि विभिन्न न्यायालयो व एन.जी.टी. ने सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक, बायोमैडिकल, ई-वेस्ट तथा सी.एन.डी. वेस्ट रूल-2016 को लेकर समय-समय पर समीक्षा करते हुए कुछ जरूरी निर्देश दिए हैं, जो समयबद्घ अवधि में पूरे किए जाने हैं। जिलो के उपायुक्त व स्थानीय निकाय अधिकारियों को इस कार्य को प्रभावशाली तरीके से करने के लिए दायित्व सौंपा गया है। सभी उपायुक्त पालना की रिपोर्ट एक पखवाड़े से मास में सरकार को भेजेंगे।

उन्होंने कहा कि जिन नगर परिषद व नगर पालिकाओं के पास संसाधनो के लिए धनराशि की कमी है, वे इसे सरकार से प्राप्त कर सकते हैं। हरियाणा भी ठोस प्रबंधन को लेकर सजग हो रहा है, उपायुक्तो व नगर निगम के आयुक्तों व नगर परिषद के अधिकारियों को इस बारे कार्यशाला के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है। पहली कार्यशाला वीरवार को करनाल में की गई और दूसरी कार्यशाला अन्य शेष जिलो के लिए कुरूक्षेत्र में 6 अप्रैल को आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिन जिलो में अभी तक सी.एन.डी. यानि कंस्ट्रक्शन एंड डैमोलिशन वेस्ट के प्रबंधन के लिए जगह अथवा साईट का चुनाव नही किया है, वे इसे जल्दी कर लें। उन्होंने कार्यशाला में प्रस्तुत एजेंडा में शामिल सभी 18 बिन्दुओ पर उपस्थित अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की।

उनकी जरूरतें पूछी व सुझाव मांगे। उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट मेेनेजमेंट पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए लोगो के व्यवहार में बदलवा लाने के लिए जागरूकता जरूरी है। लोग अपने सामान को लाने-ले जाने के लिए प्लास्टिक कैरी बैग की जगह कपड़े या जूट के थैलो का इस्तेमाल करें। वेस्ट प्लास्टिक कॉलेक्शन के लिए एक जगह सेंटर बना लें, उसे इकठ्ïठा करके उसका प्रयोग सड़क निर्माण में करवाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी तरह के वेस्ट के प्रबंधन के लिए उन्हे हैंडबुक प्रदान की गई है, उसका अच्छे से अध्ययन करके अमल मे लाएं।

स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा के महानिदेशक समीर पाल सरों ने उपायुक्तो से कहा कि सोलिड वेस्ट के लिए बनाए गए डम्प स्टेशनो पर कम्पोस्ट पिट और इनके निकट ड्राई वेस्ट व उसके रिसाईकिल के लिए जगह की पहचान कर लें। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के तहत सोर्स सैग्रीगेशन यानि घर से ही अलग-अलग कूड़ा एकत्रिकरण सबसे महत्वपूर्ण है। सभी जिलो में इसे शत प्रतिशत रूप से क्रियान्वित करें तथा अपनी मासिक रिपोर्ट में सरकार को इसकी जानकारी दें।

उन्होंने कहा कि इस तरह की कारगुजारी पर निगरानी के लिए उपायुक्त सम्बंधित नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाएं। प्रत्येक उपायुक्त हर दो सप्ताह में कम से कम एक बार वेस्ट मेनेजमेंट रूल के क्रियान्वयन पर सम्बंधित अधिकारियों की मिटिंग अवश्य लें। प्लास्टिक वेस्ट पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि उपायुक्त अपने-अपने जिलो में डी.ई.टी.सी. से इस बात की जानकारी लें कि बल्क में प्लास्टिक कैरीबैग कहां स्टोर किया जाता है, उस पर भी अंकुश लगाएं।

कार्यशाला में करनाल नगर निगम आयुक्त राजीव मेहता सहित विभिन्न शहरी निकाय अधिकारियों ने विभिन्न तरह के वेस्ट और उनके प्रबंधन को लेकर अपने अनुभव सांझा किए। ई. एंड वाई. एजेंसी के कसंल्टेंट ईरा सिंगला ने ठोस व तरल अपशिष्टï तथा प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन पर एक प्रेजेंटेशन दी। इस कार्यशाला में उप निगमायुक्त धीरज कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया था।

वेस्ट प्रबंधन को लेकर जिला स्तर पर बने कमेटी, अच्छे कार्य करने वाले जिले होंगे सम्मानित-निदेशक समीर पाल सरों। 

शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों ने उपस्थित उपायुक्तो को कहा कि वेस्ट प्रबंधन को लेकर जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए और उसकी 15 दिन में एक मीटिंग अवश्य बुलाएं, जिसमें उपायुक्त, निगम आयुक्त व एजेंसी के प्रतिनिधि अवश्य शामिल हों। उन्होंने कहा कि बैंकट हाल व धार्मिक स्थानो पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमो के बाद अकसर खुले में कचरा फैंका जाता है, इसकी रोकथाम के लिए उन्हे जागरूक करें। उन्होंने पोलीथीन बैन करने वाले जिलो को भी सम्मानित करने का प्रस्ताव रखा।

वेस्ट प्रबंधन की कार्यशाला में करनाल सहित 11 जिलो के अधिकारियों ने लिया भाग-समीर पाल सरों।

शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों ने बताया कि इस बैठक में करनाल, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, पानीपत, अम्बाला, पंचकूला, भिवानी, सोनीपत, गुरूग्राम और पलवल जिला शामिल रहे। उन्होंने बताया कि अन्य जिलो की बैठक 6 अप्रैल को कुरूक्षेत्र में आयोजित की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.