ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेक्टर सात स्थित सेवा केंद्र में होली पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। केंद्र की प्रमुख बीके प्रेम दीदी ने होली के आध्यात्मिक रहस्य पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूं तो भारत त्यौहारों का देश है। कुछ त्यौहार देवताओं के साथ जुड़े हैं तो कुछ सामाजिक महत्व रखते हैं। इनके भी अपने रहस्य है। होली आत्मा का परमात्मा से मिलन मनाने का उत्सव है।
आत्मा रूप हम सब आपस में भाई-भाई अथवा भाई बहन हैं। अत: पवित्रता आहार, विचार, व्यवहार में होनी चाहिए। उन्होंन कहा कि जैसे हम होली दहन में कांटों की लकड़ी तथा उपले जलाते हैं उसी तरह हमें एक दूसरे के दुख देने वाले बोल, ईष्र्या, द्वेष रूपी कांटों को जलाना है। उन्होंने कहा कि जीवन के सात वैल्यूस ज्ञान, प्रेम, आनंद आदि स्वयं जीवन में आ जाते हैं।
मैं कौन, मेरा कौन और मुझे क्या करना है इस ज्ञान के चिंतन से अथाह ज्ञान का रंग जीवन में भर लो। सभी आत्माओं को ज्ञान का अविनाशी रंग लाना है। एक-दूसरे को आत्मा समझ कर मिलना ही मधुर मिलन है। जब ज्ञान की पूरी अग्नि प्रज्जवलित हो जाती है तब ही होलिका जलती है। परमात्मा हमें राजयोग की पढ़ाई करवा रहे हैं। अगर जीवन में कुछ कठिनाइयां आती हैं तो उन्हें साइडलाइन कर दो अथवा उडक़र पार कर लो। स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन संभव है। इस मौके पर काजल और पूर्णिमा ने शिव बाबा के गीतों पर सुंदर नृत्य से सबका मन मोह लिया।ब्रह्माकुमारी शिखा दीदी ने भी सबको होली की बधाई दी। सबने मिलकर शिव बाबा के गीतों पर रास किया। प्रेम दीदी व शिखा दीदी ने सबको गुलाबी रंग से तिलक किया। अंत में श्रद्धालुओं ने ब्रह्माभोज किया। इस अवसर पर केहर सिंह चोपड़ा, शमशेर सिंह संधू, ईश्वर रमन, डा. उत्तम सिंह, डा. एनके, जगदीश कादियान, सुरेश गोयल, सतीश गोयल, रामनिवास, मनिंदर संधू एडवोकेट, डा. सुभाष गिल, ईश्वर शर्मा, राजेंद्र हांडा, रिषी राज, ओमप्रकाश, सुरजीत, डा. वीना, गायत्री देशवाल, छवि चौधरी, विमल मेहता, सुनीता मदान, श्रेणी कंसल, सविता शर्मा, धर्मसिंह भारती, बीके प्रेम, बीके शिखा, बीके आजीविका, बीके रीना, बीके दिक्षा, बीके रश्मि, बीके काजल, बीके संजना, बीके नैना, बीके निशा व हरिकृष्ण नारंग मौजूद रहे।