जेसीआई करनाल एजाइल और करनाल मेडिकल सेंटर ने एक बधिर बच्चे की मदद करते हुए उसको सुनने की शक्ति प्रदान की है। मंगलवार को इस बच्चे की करनाल मेडिकल सेंटर के डा. संजय खन्ना ने इंप्लाट तकनीक से सर्जरी की। इस
बच्चे के परिजनों में खुशी का माहौल है और उन्होंने जेसीआई करनाल एजाईल तथा डा. संजय खन्ना का आभार व्यक्त किया है।
डा. संजय खन्ना का कहना है कि नवजात बच्चों को मां की आवाज सुनाई दे रही है या नहीं, छह महीने होने
पर उसकी जांच अवश्य करवा लें ताकि यह पता चल सके कि बच्चा सुन पा रहा है या नहीं। समय पर जांच होने से उसकी कांकलियर इम्पलांट सर्जरी की जा सकती है। इससे जन्म से सुनने और बोलने में असमर्थ बच्चों के लिए यह इम्प्लांट तकनीक वरदान साबित हो रही है। उल्लेखनीय है कि सेक्टर सात स्थित करनाल मेडिकल सेंटर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उत्तरी हरियाणा का एकमात्र अस्पताल है जहां कांकलियर इम्पलांट सर्जरी मुफ्त की जाती है, जिसकी लागत अब मरीज के लिए लगभग सात से आठ लाख होती है।
पिछले एक वर्ष में कई मूक बधिर बच्चों का कांकलियर इम्पलांट इस अस्पताल में किया जा चुका है और उनमें से कुछ बच्चे सर्जरी के बाद स्पीच थैरेपी द्वारा सुनने व बोलने लगे हंै। इसी कड़ी में जेसीआई करनाल एजाइल द्वारा एक चिन्हित बच्चे का आपरेशन कल करनाल मेडिकल सेंटर में किया गया, जिसकी उम्र सिफै दो साल है। बच्चे के परिवार में एक खुशी की लहर सी दौड़ गई है और उन्हें उम्मीद है कि स्पीच थैरेपी के पश्चात उनका बच्चा सुनने व बोलने लगा।
कान नाक व गला विशेषज्ञ डा. संजय खन्ना ने बताया कि इंप्लांट तकनीक का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक नवजात शिशु को सुनने की क्षमता जन्म से छह माह तक कर ली जानी चाहिए तो बच्चा सुनने बोलने के अलावा दिमागी व शारीरिक रूप से पूर्णता विकसित हो सकता है। ऐसे बच्चों को जितनी जल्दी चिन्हित कर लिया ताकि इलाज के बाद बच्चा आज स्कूल में पढ़ाई कर सके।
डा. खन्ना ने बताया कि आने वाली तीन मार्च को डब्लयूएचओ द्वारा वल्र्ड हिरियंग डे के रूप में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में जेसीआई करनाल द्वारा करनाल मेडिकल सेंटर में नवजात शिशु से पांच साल तक के बच्चों का मुफ्त सुनने की स्क्रीनिंग जांच की जाएगी। इस अवसर पर जेसीआई करनाल एजाइल के जोनल वाइज प्रेजीडेंट सुनील माटा, प्रधान हरसिमरण वधवा, महासचिव मोहित कुमार, उपप्रधान प्रवेश गाबा ने डा. संजय खन्ना, डा. तेजेंद्र कौर खन्ना और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया।
क्या है काक्लियर इंप्लांट काक्लियर इंप्लांट एक इलेक्ट्रानिक उपकरण होता है, जिसकी सूक्ष्म तार आपरेशन द्वारा कान के अंतरिम भाग, काक्लिया में पहुंचा दिया जाता है और कान का बाहरी व मध्य भाग को बाईपास कर दिया जाता है। इंप्लांट सर्जरी के बाद स्पीच थैरेपी होना अति आवश्यक है। इसके बाद ही मूक बधि बच्चा सामान्य बच्चों की तरह सुनने व बोलने लगता है। यह सर्जरी 10 माह की उम्र तक के बच्चों में भी की जा सकती है।