(रिपोर्ट – कमल मिड्ढा ): करनाल राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गुरूवार को नई दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केन्द्र में आयोजित एक कार्यक्रम में हरियाणा के करनाल जिला के उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मान के रूप में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने उपायुक्त को एक प्रशस्ति पत्र दिया। इस अवसर पर मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. विरेन्द्र कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की मंत्री कविता जैन तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग करनाल की सी.डी.पी.ओ. राजबाला को भी सम्मानित किया गया !
इस वर्ष के राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तिकरण विषय और बाल लिंग अनुपात (सी.एस.आर.) में गिरावट के मुद्ïदे पर जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ बालिकाओं के मुल्यांकन के आस-पास सकारात्मक माहौल बनाना है। बता दें कि वर्ष 2015 में हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत की गई थी। इसे देखते हुए आज के कार्यक्रम मेें इस योजना की चतुर्थ वर्षगांठ भी मनाई गई !
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 25 जिलो के उपायुक्तों को उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए आज सम्मानित किया गया। इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गई थी, जिनमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत प्रभावी सामुदायिक जुड़ाव केटेगरी में करनाल जिला को चुना गया था।
सम्मान प्राप्त करने के बाद उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि वर्ष 2015 में इस जिला में लड़कियों का लिंगानुपात एक हजार लडक़ो के पीछे 897 था, जो बढक़र वर्ष 2018 में 934 हुआ। इस उपलब्धि के लिए जिला में विभिन्न गतिविधियां चलाकर लोगो को बेटियों के प्रति जागरूक किया गया। जिन गांवो में लड़कियों की संख्या का अनुपात कम था, वहां वाल पेंटिंग से गुड्ïडा-गुड्ïडी और आकर्षक स्लोगन लिखवाए गए। जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर देते हुए, गैर-सरकारी संस्थाओं को भी जोड़ा गया।
इसे लेकर करनाल के राजकीय कन्या महाविद्यालय में मासिक धर्म सम्बन्धी स्वच्छता शिक्षा पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। भिन्न-भिन्न स्कूलो में लड़कियों को आत्म रक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला की 1479 आंगनवाडियों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करवाए गए। घर-घर में जाकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से गांव-गांव में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए। सूचना, शिक्षा और संचार के तहत स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से, पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट को जिला में प्रभावी ढंग से लागू किया गया।