November 24, 2024

घरौण्ड़ा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र सिंह कल्याण ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने एक ही समय में गु्रप-डी की पारदर्शीता से भर्ती करके भ्रष्टाचारी और दलालों को चुनौती दी है। इस भर्ती से मुख्यमंत्री मनोहर लाल का संकल्प ना पैसा ना पर्ची, केवल काबिलियत पर भर्ती को भी ऊर्जा मिली है।

विधायक हरविन्द्र कल्याण ने मंगलवार को अपने कार्यालय में विधानसभा क्षेत्र के लोगो से बातचीत में कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि वर्तमान सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए करीब 18 लाख युवाओं की सफलतापूर्वक लिखित परीक्षा आयोजित की गई और मैरिट के आधार पर 18 हजार 200 युवाओं को ग्रुप-डी में चयन किया गया।

मुख्यमंत्री का संकल्प है कि जो भी भर्ती हो, उसमें भाई-भतीजा, पर्ची और पैसा ना चले बल्कि मैरिट के आधार पर योग्य युवक को ही सेवा करने का मौका मिले। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जो संकल्प लिया था, उसको प्रदेश में पुलिस, शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी के साथ-साथ अन्य भर्तियों में पारदर्शिता लाकर पूरा कर दिया है। अब भर्ती के नाम पर पैसा नही चलता, बल्कि योग्यता के पैमाने पर खरा उतरने वाला युवक का ही चयन किया जा रहा है। हरियाणा सरकार का यही पैगाम है कि प्रतिभा को सम्मान मिले, शिक्षित व योग्य को रोजगार मिले।

विधायक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पिछली सरकारो की अपेक्षा अधिक युवाओं की भर्ती की है। ऐसे-ऐसे परिवारों के युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं, जो कभी सोच भी नही सकते थे कि उन्हे बिना सिफारिश और पैसे के सरकारी नौकरी मिल सकेगी। सभी चयनित युवा चाहे वह किसी समाज, धर्म व पार्टी से हो वह मुख्यमंत्री के इस पारदर्शी निर्णय से खुश है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने युवाओं को एक ऐसी सौगात दी है कि अब युवा सिफारिश व पैसे पर नही, बल्कि अब कोचिंग सेंटर पर युवाओं की भीड़ दिखाई देती है।

अब जमाना बदल गया है, जो जिसका हक है, वह बिना किसी भेदभाव के सरकार द्वारा दिया जा रहा है।  पहले नौकरियां केवल मुख्यमंत्री के जिलो में ही लगती थी, अब योग्यता के आधार पर नौकरियां दी गई। भिवानी व सिरसा जिले में चतुर्थ श्रेणी में सबसे ज्यादा युवाओं का चयन किया गया, जबकि करनाल में योग्यता के अनुसार ही युवाओं का चयन हुआ। यह सरकार की बिना भेदभाव की नीति का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बिना किसी भेदभाव के समान विकास कार्य करवाए गए।

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