समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट संतोष यादव द्वारा चलाए जा रहे त्रिवेणी लगाने के अभियान को आगे बढ़ाते हुए आज दिग्विजय सिंह चौटाला ने गांव बल्ला की पवित्र धरा पर 252वीं त्रिवेणी लगाई और लोगों को पर्यावरण बचाने, आपसी भाईचारा एवं सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि त्रिवेणी नीम, पीपल और बड़ का संगम होता है। त्रिवेणी प्रकृति का अनुपम वरदान तथा ईश्वर की अनोखी देन है। इसे धरती पर अमृततुल्य माना जाता है और इन तीनों के बिना जीवन अधूरा है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति अपने जीवन में एक बार त्रिवेणी लगाता है तो आने वाले कई पीढिय़ों को इसका लाभ प्राप्त होता है। हमारे प्राचीन शास्त्रों में तीनों पौधों को ब्रह्म, विष्णु व महेश कहा जाता है। त्रिवेणी (बड़, नीम और पीपल) का शास्त्रों में भी विशेष महत्व है। हर इंसान को अपने जीवन में कम से कम एक त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए। जैसे-जैसे त्रिवेणी बढ़ती है वैसे ही आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ेगी और आपके सभी कष्ट स्वत: मिट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं वही असल में जिंदगी है। ये त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष न होकर इसका अध्यात्मिक महत्व है।
इस अवसर पर बृज शर्मा प्रभारी करनाल ने कहा कि त्रिवेणी ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में भी मील का पत्थर साबित होगी। इसलिए पर्यावरण के प्रति हमें कटिबद्ध हो जाना चाहिए। यदि वृक्षों का संरक्षण और नये पौधों का रोपण नहीं किया गया तो हमारी आने वाली पीढिय़ा शुद्ध वायु के लिए तरस जाएंगी और पूरी मानवता पर संकट खड़ा हो जाएगा। इसलिए हम सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि रातों-रात कुछ नहीं बदलता और न ही बदला जा सकता है। एक बीज बोते हैं तो उसे बढऩे में समय तो लगता ही है। दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं वही असल में जिंदगी है।
इस मौके पर किसान सैल का प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह मान ने कहा कि त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थाई यज्ञ की संज्ञा दी गई है। जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है। जो श्रद्धाभाव से अध्यात्मिक भाव से इस त्रिवेणी को लगाता है या लगवाता है या फिर इसका पालन पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफ ल नहीं जाता। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं एवं पितरों का वास माना जाता है। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है और आने वाली भावी पीढ़ी के लिए भी वरदान साबित होगी। दूसरी ओर ये पर्यावरण और न्याय की लड़ाई है, वन, जलवायु और पर्यावरण सभी के सांझे सरोकार है और इन सांझे सरोकारों का निबाह हम सभी को करना चाहिए इन सरोकारों का निबाह करने के लिए ही हमने त्रिवेणी लगाने की मुहिम छेड़ी हुई है।
जननायक सेवा दल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव पाटा ने कहा कि त्रिवेणी प्राणियो में प्राणो का संचार करती हैं और जब तक पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है तब तब त्रिवेणी अपनी अहम भूमिका अदा करती है। त्रिवेणी पर्यावरण के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्रतिबद्धता का चिंतन करने का संदेश देती है। यदि वृक्षों का संरक्षण और नये पौधों का रोपण नहीं किया गया तो हमारी आने वाली पीढिय़ा शुद्ध वायु के लिए तरस जाएंगी। इस अवसर पर प्रेम शाहपुर, रामदयाल बलड़ी, एडवोकेट दीपक, एडवोकेट देवेन्द्र, प्रमोद नैन, नीरज, बलवान सिंह, सतीश बलहारा, अमनदीप चावला, राजीव आदि उपस्थित रहे।