December 23, 2024
sarpanchi-politics

पंचायती राज व्यवस्था की स्वायत्तता में अनुचित हस्ताक्षेप बंद करके  ग्राम प्रशासन की व्यवस्था को लोकतंत्र के हित में सरकार सुदृढ़ करने का काम करे। ये विचार नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर वेद पाल ने एक सामाजिक समारोह में ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि आज पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि और सचिव धरने पर बैठे हैं जिसकी वजह से गांव के विकास कार्य रूके पड़े हैं और सरकार द्वारा उनकी जायज मांगें भी ना मानना न केवल दुर्भाग्यपुर्ण है अपितू ग्राम स्तर पर स्वस्थ लोकतंत्र के लिये भी अनुचित है।

किसान नेता वेद पाल ने कहा कि पंच परमेश्वर होता है और सरपंच पंचों का मुखिया होता है। सरकार ने गलत नीतियां बनाकर और पंचायती राज एक्ट के अनूरूप कार्य ना करके सरपंच, सचिवों व चोकीदारों को परेशान कर रखा है। जिसकी वजह से समाज का हर वर्ग सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में सडक़ों पर या धरनों पर अपनी बात रखने के लिए मजबूर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि ई-पंचायत प्रणाली जल्दबाजी में व बिना संसाधन पंचायत को उपलब्ध कराये बिना लागु करना जनहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को ई-पंचायत प्रणाली लागु करने से पहले सभी सरपंचों व पंचों को कम्पयूटर की शिक्षा देनी चाहिए और हर पंचायत घर में वाई-फई या नैट की 24 घण्टे सुविधा प्रिंटर-कम्पयूटर आदि सभी संसाधनों सहित उपलब्ध करानी चाहिए और उसके लिए पुरा स्टाफ, स्टैनो आदि सहित उपलब्ध कराना चाहिए। उसके बाद ही ई-पंचायत प्रणाली लागु करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का दायरा केवल विज्ञापन और शहरों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए और इसको अमली जामा गांव के हर गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति तक बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने सरपंचों की इस मांग को भी जायज बताया कि ग्राम सचिव की शैक्षणिक योग्यता सनातक की जाए और मासिक भत्ते वास्तविक खर्च के मुताबिक किये जायें ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। उन्होंने जीपीडीपी को बंद करने व हर गांव में ग्राम सचिवालय बनाए जाने की भी वकालत की।

एनसीपी हरियाणा के सुप्रीमो वेद पाल ने कहा कि सरपंच एसोसिएशन की सभी जायज मांगे सरकार को अविलम्ब मानकर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे आक्रोश व पंचायत व्यवस्था में बने रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए और सरकार को आढतियों की भी जायज मांगें माननी चाहिएं ताकि वर्तमान सीजन में किसानों को कोई परेशानी ना आए। उन्होंने कहा कि आढ़ती किसानों का प्राचीन समय से एटीएम रहा है और सरकार को किसान व आढ़ती में खाई पैदा करने की बजाय भाई-चारा और विश्वास बढ़ाने वाली नीतियां बनानी चाहिए।

इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री विजयपाल एडवोकेट, महीपाल राणा, प्रभारी राधेश्याम गुप्ता,  रामसरण खानपुर, रणबीर सिंह मढान, जयपाल खुब्बड़, बलबीर सिंह,अभिनन्दन पाल ढांडा, संजीव कुमार बंसल, रघुबीर घनघस व हवा सिंह आदि भी मौजूद रहे।

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