November 22, 2024

शहर की सुरक्षा चाक-चौबंद करने के लिए पुलिस अधीक्षक  जश्नदीपसिंह रंधावा ने पीसीआर-राइडर  की मॉनीटरिंग  के लिए  इंस्पेक्टर रैंक  के अधिकारी की नियुक्ति की है। अब तकथाना-चौकी  स्तर पर ही इनकी मॉनीटरिंग  होती  थी।  दावा है कि इससे जनता को  शुलभ और  त्वरित न्याय मिलेगा।  थाना-चौकी  के साथ-साथ इंस्पेक्टर  रैंक  के अधिकारी को भी रोजाना रिपोर्ट देनी होगी। इससे पीसीआर-राइडर  पर तैनात कर्मचारी हीला हवाली नहीं कर सकेंगे और उन्हें हर वक्त मुस्तैद रहना पड़ेगा। इंस्पेक्टर शहर भर  में  घूमकर  उनकी स्थित का जायजा लेंगे और जो भी कर्मचारी मुस्तैद नहीं मिलेंगे उनकी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को  देंगे।

जिले भर में  क्राइम  कंट्रोल के लिए  26 पीसीआर और 33 राइडर  तैनात  की गई हैं।  12&12  घंटे की ड्यूटी के दौरान पीसीआर पर तीन और राइडर पर दो कर्मचारी तैनात रहते हैं। वारदातों पर नकेल कसने के लिए यह प्रयास किया गया है। पुलिस अधीक्षक का मानना है कि इंस्पेक्टर  रैंक  के अधिकारी कोमॉनीटरिंग  के लिए लगाने से कर्मचारियों की मुस्तैदी बढ़ेगी। खासकर सेक्टरों मेंस्नेचिंग और चोरी  की वारदातों में कमी आएगी। जैसे ही पीड़ित पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर कॉल करते हैं तो उस क्षेत्र की  राइडर-पीसीआर को तुरंत सूचना दे दी जाती है। चार से पांच मिनट बाद पुलिसकर्मी को मौके पर पहुंचना होता है। इससे अपराधी प्रवृति के लोगों पर लगाम कसी जाती है।

जीपीआरएस सिस्टम  से पता लगती है लोकेशन

पुलिस की गाड़ियों पर  जीपीआरएस सिस्टम  लगा होता है। गाड़ी कहां है तुरंत पता चल जाता है। कंट्रोल रूम में सभी गाड़ियों की लोकेशन  आ  जाती है और अधिकारी जांच कर सकते हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जरूरत के अनुसार पीसीआर-राइडर  की तैनाती की गई है।

जनता के सहयोग के लिए है पुलिस

पुलिस अधीक्षक  जश्नदीप  सिंह रंधावा का कहना है कि पुलिस जनता के सहयोग के लिए है। पीसीआर-राइडर की तैनाती इसलिए की गई है क्योंकि क्राइम होने की सूरत में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके। कई बार शिकायत आती थी कि राइडर और पीसीआर पर तैनात कर्मचारी संजीदगी से ड्यूटी नहीं दे रहे] इसलिए अब इंस्पेक्टर  रैंक  के अधिकारी कीमॉनीटरिंग के लिए ड्यूटी लगाई  गई  है। वे क्षेत्र में  घूमकर  कर्मचारियों की जांच करेंगे। जो भी कर्मचारी सुस्त मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक  थाना-चौकी  स्तर पर ही मॉनीटरिंग  होती थीA लेकिन अब स्पेशल होगी इससे लोगों को ज्यादा अच्छी सुविधा मिलेगी।

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