आज बुद्धा काॅलेज आॅफ एजूकेशन में ‘अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस’ का शुभारम्भ बुद्धा काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. मो. रिजवान, विभागाध्यक्षा प्रीति गुणवाल तथा अन्य प्राध्यापकों ने माँ सरस्वती की अराधना के साथ दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम का संचालन सुमित, सुएश, पवनदीप ने किया।
इस अवसर पर बी.एड. तथा डी.एड के छात्रों ने अलग-अलग क्षेत्रों में प्रसिद्ध तथा विख्यात महिलाओं की भूमिकाओं जिसमें झांसी की रानी, कस्तूरबा गांधी, मदर-टेरेसा, सुभद्रा कुमारी चैहान, सानया मिर्जा, लता मंगेश्कर, इन्द्रा गांधी, अमृता प्रीतम, पी.टी. ऊषा, हरसिमरन कौर बादल, सावित्री बाई फूले, साईंना नेहवाल, सरोज खान, किरन बेदी, विचेन्द्री पाल, पलविन्द्र कौर, कल्पना चावला, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चैहान का यथार्थ चित्रण किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने कविताओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को उजागर किया।
इस अवसर पर काॅलेज निदेशक, नितेश गुप्ता ने कहा कि नारी का सम्मान एक सभ्य परिवार समाज और देश की पहचान है। समाज की वास्तविक वास्तुकार महिलाएं हैं। आज महिलाओं के सशक्तिकरण एवं शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सराहनीय कार्यो एवं योजनाओं के तहत महिलाओं को विकास के पथ पर बढने का मौका मिला है।
कार्यक्रम के अन्त काॅलेज प्राचार्य डाॅ. मौ.रिजवान ने कहा कि अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येेक वर्ष 08 मार्च को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनैतिक और सामाजिक स्तर पर महिलाओं के अधिकारों को बढावा देना है। सन् 1900 से इस दिवस को मनाया जा रहा है। इस दिन पूरे विश्व में महिलाओं का मनोबल बढाने, सभी क्षेत्रों में उनकी जगह सुनिश्चित करने के लिए आर्ट प्रोफरमेंस, नुक्कड नाटक, जागरुक रैलियों का आयोजन किया जाता है जिसमें महिलाएं अपने अधिकारों के लिए समाज के अन्दर जागरुकता फैलाने का काम भी करती हैं।
इटंरनेशनल वूमन डे का आॅफिशयल प्रतीक (चिन्ह) वीनस है। इसके लिए बैगनी रंग का चुनाव किया गया है जो गरिमा और न्याय का प्रतीक है। जिन महिलाओं ने सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए प्रयास किए थे उनको भी आज के दिन याद किया जाता है।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रीति गुणवाल ने छात्रों को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि जिस प्रकार महान् एवं प्रसिद्ध महिलाओं ने अपने मन, कर्म व वचन से सारे विश्व में अपना नाम रोशन किया है उसी प्रकार हमें भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए अपने देश व परिवार का नाम रोशन करना चाहिए। इस अवसर पर बुद्धा काॅलेज के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजुद रहे।