घर-घर से कूड़े-कचरे की सैग्रीगेशन की मॉनिटरिंग के लिए नगर निगम ने एक नया तरीका शुरू किया है। इसके तहत घरों के बाहर मेटेलिक प्लेट पर परमानेंट प्रॉपर्टी नम्बर के साथ क्यू आर कोड दिया गया है। नई व्यवस्था फिलहाल शहर के मॉडल टाऊन से शुरू की गई है।
इस सबंध में आयुक्त नगर निगम डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि नई व्यवस्था से आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि घरों से निकलने वाला कूड़ा-कचरा सैग्रीगेशन होकर पहले वाहनों में और फिर प्लांट तक ले जाया जाता है या नहीं। इसमें हाऊसहोल्ड और कूड़ा उठाने वाले कॉन्ट्रैक्टर के कर्मचारी दोनों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी। उन्होने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में जो मुहिम चलाई गई थी, उसके तहत सभी हाऊसहोल्ड को गीले व सूखे कचरे के लिए नीले व हरे डस्टबीन वितरित करवाए गए थे लेकिन इनका फायदा तभी है, जब लोग जागरूक होकर घर से ही अलग-अलग कूड़ा सैग्रीगेट करके दें। घर के बाद कूड़ा उठाने वाले कॉन्ट्रैक्टर की भी इस व्यवस्था में जवाबदेही सुनिश्चित की गई है अर्थात क्यू आर कोड से नगर निगम के सर्वर में यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि किस घर से सैग्रीगेट कूड़ा उठाया गया है या नहीं।
उन्होने आगे बताया कि मॉडल टाऊन क्षेत्र में कूड़ा उठाने वाले निगम कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर के कर्मचारियों के मोबाईल में फिलहाल इस व्यवस्था को लेकर एक एप डाऊनलोड की गई है। इससे रोजाना सैग्रीगेट की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। क्योंकि कूड़ा उठाने वाला कर्मचारी मेटेलिक प्लेट की हर घर से फोटो लेगा, जिसकी सूचना निगम के सर्वर में आ जाएगी। आयुक्त ने बताया कि यदि यह व्यवस्था सफल रही तो इसे शहर के सभी वार्डों में लागू करवाया जाएगा। बता दें कि करनाल स्मार्ट सिटी को देखते हुए निगम द्वारा की गई यह व्यवस्था भविष्य में बहुत ही कारगर सिद्ध होगी। लोग कूड़े को सैग्रीगेट करने के प्रति ओर जागरूक होंगे। शहर की स्वच्छता बढेगी और गीले कचरे को सोलिड वेस्ट प्लांट में प्रोसेस करके कम्पोस्ट बनाई जा सकेगी।