आगामी 10 फरवरी 2018, राष्ट्रीय डिवॉर्मिंग डे पर करनाल जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 साल से 15 वर्ष तक के बच्चों को कृमि रहित बनाने के लिए एक विशेष अभियान के तहत एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाई जाएगी, जिसका सेवन केवल चबाकर किया जाता है। इसकी तैयारियों को लेकर बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित एक बैठक में उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने शत प्रतिशत बच्चों को कृमि रहित किए जाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं ने उपस्थित अधिकारियों के साथ चर्चा की और कहा कि इस अभियान के तहत शत प्रतिशत बच्चों को कृमि रहित किए जाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। बैठक में कुरूक्षेत्र विकास मण्डल के मानद सचिव व लायन्स ईन्टरनैशनल के स्टेट कॉऑर्डिनेटर अशोक सुखीजा, सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा, डी.डी.पी.ओ., उप सिविल सर्जन डॉ. नीलम वर्मा, मैडिकल व स्कूल हैल्थ ऑफिसर डॉ. नरेश कुमार, डॉ. नवीन, ई.ओ. नगर निगम धीरज कुमार तथा सी.बी.एस.ई. स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. राजन लांबा भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने बताया कि गत कई वर्षों की तरह इस वर्ष भी 10 फरवरी को राष्ट्रीय डिवॉर्मिंग डे पर जिला के सभी बच्चों को कृमि रहित किया जाना है। इसके तहत सभी सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूल, आगंनवाड़ी केन्द्र व स्कूल में ना जाने वाले बच्चों को कृमि रहित यानि पेट में कीड़ों से मुक्त बनाने के लिए गोली वितरित की जाएगी। इस कार्य में सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होने बताया कि यह संक्रमण मुख्य रूप से मृद्रा को छूने से बच्चों की आंतों में चला जाता है, अंतत: बच्चे कुपोषण, अनिमिया, मानसिक रोग व कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। सभी व्यक्तियों, विशेषकर बच्चों को साल में एक या दो बार एल्बेंडाजोल टेबलेट का सेवन कर लेना चाहिए, ताकि पेट में पैदा हुए कृमि मर जाएं।
उन्होने बैठक में उपस्थित डी.डी.पी.ओ. से कहा कि वे जिला के सभी गांव में ग्राम सचिवों के माध्यम से 10 फरवरी के विशेष अभियान के दिन लोगों को जागरूक करवाएं, ताकि हर बच्चा अभियान के तहत कवर किया जा सके। सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में 10 फरवरी के दिन टेबलेट का वितरण हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी स्कूल इंचार्ज प्रार्थना सभा में बच्चों को जागरूक करें। उन्होने बताया कि इसके दूसरे राउण्ड 15 फरवरी को ऐसे बच्चों को टेबलेट वितरित की जाए, तो किसी तरह से छूट गए हों। स्कूल हैल्थ मैडिकल ऑफिसर डॉ. नरेश ने बताया कि बच्चों को शौच के बाद व खाना खाने से पहले हाथ धोने चाहिएं, नंगे पांव मिट्टी में नहीं घूमना चाहिए। उन्होने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 46 प्रतिशत बच्चे मिट्टी के स्पर्श से ही संक्रमित होते हैं। इसे देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि हरियाणा में इसके लिए फरवरी व अगस्त में यानि दो बार अभियान चलाया जाए।
बैठक में खसरा उन्नमूलन कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई। बता दें कि मिजल्स रूबेला (एक तरह से खसरे जैसी बीमारी) के नियंत्रण के लिए जिला में 1 साल से 15 साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए जिला में 4 लाख 52 हजार लक्षित बच्चों को टीका लगाया जाना है। टीकाकरण का कार्य अप्रैल में किया जाएगा। मास के पहले दो सप्ताह में सभी स्कूलों के बच्चों को तथा अगले दो सप्ताह में आंगनवाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मीजल्स रूबेला उन्नमूूलन के लिए टीके लगाए जाएंगे।
बैठक में अशोक सुखीजा ने सुझाव दिया कि टीकाकरण अभियान को शत प्रतिशत रूप से सफल बनाने के लिए लायन्स ईन्टरनैशनल की तरह दूसरे एन.जी.ओ. का भी सहयोग लिया जाए। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम ने बताया कि यह टीका पूर्णत: सुरक्षित है तथा इसमें बच्चों व उनके अभिभावकों को किसी तरह की घबराने की जरूरत नहीं है।
इस अवसर पर लघु सचिवालय के सभागार में एक विडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के मेनेजिंग डायरेक्टर अमनीत पी.कुमार तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा ने विश्व कृमि रहित दिवस व मिजल्स रूबेला नियंत्रण अभियान की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की।