महिलाओं से जुड़े घरेलू विवाद जैसे मामलों के त्वरित समाधान और उनकी काउंसलिंग कर उन्हे जागरूक करने के उद्देश्य से खोले गए महिला थाने की कारगुजारी का निरीक्षण करने के लिए उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बुधवार को स्थानीय महिला थाने का दौरा किया। इस मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राज कुमार वालिया, घरोण्ड़ा के डी.एस.पी. विरेन्द्र सिंह तथा महिला थानाध्यक्ष पवना देवी भी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने थाने का राउण्ड लेकर यहां का मित्र कक्ष, पुलिस तफशीश कक्ष, मालखाना, लॉकअप, काउंसलिंग रूम, विमेन सेल तथा रोजनामचा रजिस्टर को चैक किया। महिला थाने में रोजमर्रा के कार्यों और सेवाओं को ओर अधिक बेहतर कैसे बनाया जा सकता है तथा उनकी जरूरतें क्या हैं इस बारे भी उपायुक्त ने चर्चा कर समस्याएं पूछी और उनके सुझाव लिए। उपायुक्त ने थानाध्यक्ष से 2017 में हुए महिलाओं से जुड़े 498, 406, 323, 376 व 313 जैसी धाराओं के मुकदमों की कानून सम्मत व जल्द तफशीश करके उन्हे समाप्त करने के निर्देश दिए। उन्होने थाना भवन में पहली मंजिल पर स्थित एक कक्ष को रि-क्रिएशन रूम यानि मनोरंजन कक्ष बनाने की भी बात कही, जो थाने की ओर से ही बनाया जाएगा
उपायुक्त ने बताया कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य के तहत थानों में महिलाओं के घरेलू कलह व अनबन से जुड़े मामले ज्यादा आने से सरकार ने इनके निपटान के लिए वन स्टॉप सैंटर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला संरक्षण अधिकारी, ऑब्जर्वेशन होम, बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कार्यालय खोलकर सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बढाएं हैं ताकि महिला थानों की कारगुजारी को सुचारू बनाने के लिए कोऑर्डिनेशन बना रहे।
पुलिस अधीक्षक ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि जनवरी 2017 से दिसंबर 2017 तक, इस थाने के शिकायत रजिस्टर पर 8 हजार 842 शिकायतें आई, जिनका लगभग निपटारा कर दिया गया। इनमें 90 प्रतिशत पति-पत्नी विवाद के मामले थे, जिनमें राजीनामा करा दिया गया। इसी प्रकार मित्र कक्ष में 27.11.2017 से आजतक, भिन्न-भिन्न सेवाओं से जुड़े 383 आवेदन आए। इनमें ज्यादातर जनरल व गुमशुदा सम्पत्ति के मामले थे, सभी शिकायतों को प्राप्त कर समय रहते उन पर कार्यवाही अमल में लाई गई।
महिला थाने में जल-पान कैन्टीन की मांग पर उपायुक्त ने कहा कि एक ही लोकेशन पर तीन थाने स्थित होने के कारण इसके साथ लगते आर.टी.ए. सचिव के कार्यालय परिसर में एक कैन्टीन खोली जा सकती है, इसके लिए आवेदन दे दें और ऑक्शन करवा कैन्टीन खुलवाई जाएगी।