करनाल/दीपाली धीमान : कोरोना वैक्सीन का दिल की बीमारियों में हाल ही के दिनों में हो रही कथित वृद्धि से कोई सीधा संबंध नहीं है। टीकाकरण और हृदय रोगों के बीच संबंध को ख़ारिज करने वाले तो कई अध्ययन हाल ही में सामने आए हैं मगर वैक्सीन के कारण हृदयाघात आदि होने का प्रमाण देने वाली कोई स्टडी अब तक सामने नहीं आयी है।
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान रोहतक के निदेशक डॉ.शमशेर सिंह लोहचब ने हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ.वीरेंद्र सिंह चौहान के पॉडकास्ट ग्रामोदय लाइव में यह बात कही। रेडियो ग्रामोदय सहित विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर प्रसारित इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ ललित उत्तम ने भी प्रतिभागिता की।
ऑनलाइन संवाद में कहा गया कि कोरोना के दौरान मरीज़ों की मृत्यु के कारणों में रक्त का गाढ़ा होना और क्लॉट बनना शामिल था, मगर वैक्सीन के कारण हृदय रोग नहीं बढ़ रहे हैं। डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान के एक सवाल के जवाब में पीजीआई रोहतक के निदेशक डॉक्टर लोहचब ने कहा कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए जीवन को तनाव रहित रखना, नियमित रूप से योग और व्यायाम करना और ख़ान पान में तली हुई चीज़ों से परहेज़ करना परम आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मधुमेह के रोगी भी हृदय रोगों की चपेट में अन्यों की तुलना में ज़्यादा आते हैं। उन्होंने दोहराया कि 40 वर्ष की आयु के बाद सबको अपने दिल की सेहत को लेकर अधिक चौकस रहने और नियमित रूप से स्वास्थ्य की जाँच कराने की आदत बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान पी.जी.आयी.एम.एस. में रोज़ाना औसतन 9000 मरीज़ उपचार के लिए आते हैं।
संस्थान में एक समय में 2000 मरीज़ भर्ती करने की सुविधा है और अनेक सुपर स्पेशलिटी विभाग भी कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि देश के मेडिकल कॉलेजों की बिरादरी में रैंकिंग के मामले में भी संस्थान की स्थिति हर साल सुधर रही है। अखिल भारतीय रैंकिंग में हरियाणा के इस संस्थान को देश भर का बारहवां सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज माना गया है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधाओं में और अधिक विस्तार के लिए हर संभव उपाय करेगी।