करनाल/ दीपाली धीमान : करनाल के संयुक्त तत्वाधान में गेहूँ और जौ उत्पादन प्रौद्योगिकियों के अपस्केलिंग और आउट स्केलिंग के लिए प्रभावी विस्तार विधियाँ विषय पर चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ।
समापन समारोह की अध्यक्षता संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डा. संजय कुमार ने की जबकि राष्ट्रीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान, करनाल के कार्यवहाक निदेशक डा. ओमबीर सिंह ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की।
डा. ओमवीर सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि गेहूं एवं जौं प्रमुख खाद्यान्न फसले हैं जो भारत की खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी सुरक्षित करती हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों फसलों की नई एवं कारगर किस्मों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि किसानों को बेहतर उत्पादन मिल सके जो बढ़ती हुई जनसंख्या के भरण-पोषण के लिए महत्पूर्ण है।
इस दौरान डा. संजय कुमार ने बताया कि यह संस्थान वाईस-चांसलर प्रोफेसर बी. आर. कांबोज, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नेतृत्व में उत्तर भारत के राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि विज्ञानिकों, कृषि, उद्यान, पशु-पालन, मत्स्य पालन, वानिकी, महिला एवं बाल विकास इत्यादि विभागों के विस्तार अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है। वित्तीय सहयोग देने के लिए विस्तार निदेशालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की सराहना की। उन्होंने विस्तार शिक्षा निदेशक डा. बलवान सिंह मंडल का भी धन्यवाद किया।
प्रशिक्षण संयोजक डा. भरत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एंव उत्तराखंड के कृषि विज्ञानिकों एवं विस्तार अधिकारियों ने हिस्सा लिया है। प्रशिक्षण के दौरान विस्तार अधिकारियों को राष्ट्रीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान, करनाल के संग्रहालय, जर्मप्लाज्म केंद्र, एवं बीज संशोधन केंद्र के साथ-साथ गुणवत्ता संवर्धन प्रयोगशाला इत्यादि का भ्रमण भी करवाया गया। इस दौरान मंच संचालन का कार्य प्रशिखण सह संयोजक डा. अुनज कुमार के द्वारा किया गया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न संस्थानों से व्याख्यानों के लिए विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया था जिन्होंने प्रशिक्षण विषय संबधी व्याख्यान दिए। समापन कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस दौरान संस्थान के सभी कर्मचारी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।