पानीपत/कीर्ति कथूरिया : गीता यूनिवर्सिटी के फॉरेनसिक साइंस डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित प्रथम वार्षिक पुलिस समिट में पहुंचे एसपी पानीपत अजित सिंह शेखावत ने कहा की भारतीय न्याय प्रणाली में एक जुलाई से तीन नए कानून लागु होने जा रहे हैं। इन कानूनों के लागु होने पर पीड़ित को न्याय जल्द मिलेगा व पुलिस की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।
साथ इन कानूनों के लागु होने से पुलिस के हाथ भी मजबूत होंगे। आयोजित कार्यक्रम में पानीपत के विभिन्न थानों से आए हुए पुलिसकर्मियों, जीयू के स्टाफ सदस्यों व छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जीयू के प्रो चांसलर अंकुश बंसल व एसपी पानीपत अजित सिंह शेखावत ने दीप प्रज्वलित कर किया।
एसपी अजित सिंह शेखावत ने कहा पुराने समय से चले आ रहे कानूनों में बदलाव के बाद उन्हें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम से जाना जाएगा। ये कानून एक जुलाई से लागु होने जा रहे हैं। अब से बड़े अपराधियों को हथकड़ी लगाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा।
साइबर क्राइम य किसी भी तरिके से किए गए फ्रॉड से कमाई गई रकम की रिकवरी के लिए अपराधी के प्रॉपर्टी को अटैच करने का प्रावधान किया गया है। नए कानून से पीड़ित को ईमेल व ऑनलाइन मोड़ से अपनी शिकायत दर्ज करने की आजादी मिलेगी पर उसके लिए तीन दिन के अंदर थाने पहुंच कर शिकायत पर हस्ताक्षर करने होंगे।
अपराथ कर विदेश में जाकर छिपने वाले अपराधियों को भारत में लाए बिना ही कोर्ट में ट्रायल चलाया जा सकेगा। ट्रायल के दौरान दोषी सिद्ध होने पर चार्चशीट दाखिल की जा सकेगी। उन्होंने कहा की ये कानून एक तरफ पुलिस के हाथ मजबूत करते है तो दूसरी तरफ मनमानी पर भी अंकुश लगाने का काम करेंगे।
अब पीड़ित को न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा इसके लिए समय सिमा निर्धारित की गई है। जल्द न्याय मिलने की उम्मीद भारतीय नागरिको को जाएगी है। इस मोके जीयू के प्रो चांसलर अंकुश बंसल, पीवीसी डा गुलशन चौहान, साइबर क्राइम विशेषज्ञ सब इंस्पेक्टर अजय कुमार, फोरेंसिक साइंस के एचओडी डा जसकरण सिंह भी उपस्थित रहे।