(मालक सिंह) 4 जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की शुरुआत हो चुकी है। करनाल प्रशाशन भी पिछले साल की तुलना में इस साल अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए कमर तोड़ मेहनत कर रहा है। सैकंडो कर्मचारी दिन रात झाड़ू लेकर करनाल को साफ सुथरा करने में लगे है। वही कुछ पोलिटिकल पार्टी के लोग,कोचिंग सेंटर्स दीवारों पर पोस्टर्स लगा कर शहर की खूबसूरती को ग्रहण लगा रहे है।
शहर के मुख्य चौक जिसमें ताऊ देवी लाल चौक, गवर्मेंट कॉलेज के पास ब्रह्मानंद चौक, निर्मल कुटिया चौक व आई टी आई चौक कर पर ऐसे पोस्टर्स की भरमार है। कुछ महीने पहले निगम ने इन चौको पर महापुरुषों व देश का नाम रोशन करने वाली महान महिलाओं के चित्र की पेंटिंग बनवाई गई थी पर अब उन पेंटिंग्स पर भी पोस्टर्स का ग्रहण नज़र आने लगा है।
निगम की और से आई टी आई चौक पर पेंटिंग कॉम्पिटिशन भी करवाया गया था जिसमें कई राज्यों के कलाकारों ने हिस्सा लिया था। तब पुल के दोनों तरफ सुंदर पेंटिंग बनाई गई थी। अब उन पेंटिंग पर भी पोस्टर चिपके नज़र आ रहे है।
कुछ चौक चौराहों को कुछ निजी संस्थानों ने मेन्टेन करने की भी जिम्मेदारी ले रखी है। वहाँ पर निजी संस्थानों द्वारा अपनी ब्रांडिंग भी की जा रही है। ऐसे संस्थानों की भी जिम्मेदारी बनती है जो लोग पोस्टर लगाते है उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करवाई जाए।
कुछ लोग सड़क किनारे लगे नक्शों, अन्य जरूरी सूचनाएं दर्शाने वाली पट्टिकाओं, दिशासूचक निर्देशों और ट्रैफिक की सूचना देने वाले बोर्डों तक पर पोस्टर चिपका कर शहर को बदरंग कर देते हैं। यह भी एक तथ्य है कि ज्यादातर पोस्टरों को कोई नहीं पढ़ता, फिर भी उन्हें चिपकाने का कामजारी है।
शुरू में तो निगम व कुछ समाज सेवी संस्थाओं ने कुछ मुस्तैदी दिखाई थी और तब कुछ लोगों का चालान भी काटा गया था।लेकिन अब हालत यह है कि कोई इस ओर ध्यान भी नहीं देता।
शहर को बदरंग करने वाले अक्सर जुर्माना भरकर बच जाते है लेकिन करनाल प्रशासन व पुलिस को एफआईआर और अदालती कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऎसे लोग शहर को दोबारा गंदा न कर सके। नगर निगम अधिनियम के तहत ऐसा करने वालो पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
करनाल ब्रेकिंग न्यूज़ भी सभी करनाल वासियों से अपील करता है। जगह जगह पोस्टर चिपकाकर शहर को गंदा न करे। आओ सब मिलकर करनाल को स्मार्ट बनाये।