November 5, 2024

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने शहादत किसान दिवस पर आयोजित किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार अपने वायदे के मुताबिक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में पूर्ण रूप से विफल साबित हो रही है। जिसका सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पडेगा। प्रदेश में वीर किसानों के बलिदान को व्यर्थ नही जाने दिया जाएगा। बल्कि किसानों की मांगो को लेकर वर्ष 2018 को किसान क्रांति वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन किए जाएगें। उन्होंने कहा कि अब किसान चुप बैठने वाला नही है। आरपार की लड़ाई लडऩे के लिए हजारों किसान गत 5 जनवरी को नारनौंद में आयोजित किसान महापंचायत में संकल्प ले चुके है। रविवार को माता सुंदरी खालसा गल्र्ज कालेज के समीप 25 साल पूर्व पुलिस की गोलीबारी से किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों का शहादत दिवस को मनाया गया। प्रदेशभर के सैकड़ों किसानों ने पहुंचकर शहीद किसान लखपत व मामचंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी सहादत को सलाम किया।

किसानों ने एक जुट होकर किसान एकता जिंदाबाद व जब तक दुखी किसान रहेगा धरती पर तुफान रहेगा के जोरदार नारे भी लगाए। किसान पंचायत कीअध्यक्षता खंड प्रधान कुलदीप सिंह बब्बर ने की। प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि 7 जनवरी 1993 को बिजली बिलों की बढ़ी दरों को लेकर निसिंग में तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के शासनकाल में उनके समांतर निसिंग में ही किसान महापंचायत की गई थी। इस महापंचायत को विफल करने के लिए पुलिस ने किसानों पर गोलीबारी कर दी थी। इस गोलीबारी में किसान लखपत चूहड़माजरा व किसान मामचंद पबनावा किसान हितों की आवाज उठाते हुए गोली का शिकार हो गए थे। बलिदानी मिट्टी को नमन करते हुए किसान नेता रतनमान ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू न किया जाना भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामयाबी है।

60 साल के बाद किसान को 5 लाख रूपए बतौर पैंशन देने, 5 लाख रूपए को मैडीकलेम देने तथा किसान मजदूर को संपूर्ण कर्ज मुक्त होंने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेताओं ने एक स्वर में कहा कि सभी दलों की सरकारें किसान यूनियन को खत्म करने का प्रयास करती है। लेकिन ऐसी सरकारों के ऐसे मंसुबे कभी पूरे नही हो पाएगें। उन्होंने  किसानों से आह्वान किया कि यूनियन के संगठन को मजबूत बनाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को साथ जोड़ा जाए। ताकी सभी किसान संगठित होकर सरकार के खिलाफ अपने हकों की लड़ाई लड़ सके। इस दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही जगममग योजना का विरोध करते हुए कहा कि यह योजना ठगमग योजना है। भाकियू जिला प्रधान यशपाल राणा औंगद, जिला प्रधान सुखा सिंह लागर, जिला प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान, जिला सरंक्षक महताब कादियान, अजीत सिंह हाबड़ी, मांगा सिंह लागर, निसिंग प्रधान मलूक सिंह चीमा, प्रचार मंत्री माईचंद, बलवान सिंह पाई, कबुल सिंह, राजेंद्र आर्य दादूपुर, महिंद्र सिंह बदोरत्ता, दलबीर सिंह, पाला राम कैथल, सुरेंद्र सांगवान, प्रेमचंद शाहपुर, बाबू राम सहित अन्य किसान नेताओं ने भी महापंचायत को संबोधित किया व शहीद किसानों को नमन किया।

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