करनाल/कीर्ति कथूरिया : उपायुक्त अनीश यादव ने जिला में नशे जैसी सामाजिक बुराई खत्म करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिशन टीम, सब डिविजन टीम, क्लस्टर टीम, क्लस्टर मिशन टीम, वार्ड मिशन टीम, विलेज मिशन टीम सक्रिय करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त संचालित नशा मुक्ति केंद्रों को प्रयास ऐप पर रजिस्टर करने के भी निर्देश दिए ताकि शीघ्र अति शीघ्र नशे से ग्रस्त मरीजों का डाटा ऑनलाइन किया जा सके।
उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में नारकोटिक्स समन्वय केंद्र (एनकोर्ड) की मासिक बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नशा जैसी सामाजिक बुराई को जिले में किसी भी सूरत में पनपने न दिया जाए, इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एक्शन मोड में कार्य करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस, स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, खेल विभाग, रेड क्रॉस सोसाइटी व नेहरू युवा केंद्र के अधिकारी ज्वाइंट एक्शन प्लान के अनुसार नशा ग्रसित गांवों में जागरूकता कैंप लगाएँ और नशा से ग्रसित लोगों की पहचान करके नशा मुक्ति केंद्र मेें इलाज करवाने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने ड्रग कंट्रोल अधिकारी तथा सीएमओ को निर्देश दिये कि वो केमिस्ट की दुकानों पर रेड बढ़ाएं और कमी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाएं। इसके अलावा साथी ऐप पर केमिस्ट की दुकानों को रजिस्टर करवाना भी सुनिश्चित करें।
बैठक में पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने कहा कि नशा मुक्ति केन्द्रों की नियमित रूप से जांच की जाए और केन्द्रों में चेकलिस्ट भी लगाई जाए और इसकी एक प्रति अधिकारियों को भी उपलब्ध करवाई जाए ताकि सही तरीके से चेकिंग की जा सके।
उन्होंने साथी ऐप के बारे में सुझाव दिया कि ड्रग कंट्रोल अधिकारी द्वारा कैमिस्टों की बैठक ली जाए और उनको ऐप पर पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रहरी योजना के तहत गांव-गांव में नशा से ग्रस्त मरीजों की पहचान की जा रही है और उनको ईलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्रों पर पहुँचाया जा रहा है।
बैठक के दौरान एनकोर्ड के सदस्य सचिव व जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड़ ने उपायुक्त अनीश यादव के समक्ष 7 एजेंडे रखे और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि धाकड़ कार्यक्रम के तहत शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के लिए प्रार्थना सभा के दौरान करीब 176 स्कूलों में बच्चों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।
इसी प्रकार से जिला न्यायवादी डॉ0 पंकज ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत न्यायालय में माह जनवरी 2024 के दौरान 31 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें से 23 को सजा तथा 7 बरी हो गए है और एक आरोपी को अपराधी घोषित किया गया।
उपायुक्त ने मनोचिकित्सक डॉ. मनन गुप्ता ने बताया कि पिछले 6 माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा नशे से ज्यादा ग्रसित विभिन्न गांवों में 64 कैंप लगाए गए जिनमें नशे से प्रभावित 800 लोगों की पहचान की गई जिनमें से करीब 636 लोगों का नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से इलाज किया जा रहा है तथा शेष लोगों को भी इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि करीब 66 मरीज पूरी तरह से नशे से मुक्त हो गए हैं और उनमें से कईयों ने अपना रोजगार शुरू किया और कई प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं।
इस अवसर पर बैठक में एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा, एसडीएम करनाल अनुभव मेहता, सीटीएम अमन कुमार, एसडीएम असंध वीरेन्द्र ढुल, जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी, सिविल सर्जन डॉ0 कृष्ण कुमार, उप-सिविल सर्जन डॉ0 सिम्मी कपूर, ड्रग कंट्रोल अधिकारी विकास राठी, जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सहायक सचिव राजपाल व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।