करनाल/भव्या नारंग: डीसी ने डा0 मंगल सैन सभागार में अधिकारियों की ली बैठक, पराली जलाने की घटनाओं को करें शून्य। डीसी अनीश यादव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अगले 20 दिन में गंभीरता से कार्य करने का समय है । ऐसे में सभी अधिकारी व कर्मचारी सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी फील्ड मेंं तैनात रहें और हर गांव की माईक्रो मॉनिटरिगं करें। डीसी वीरवार को डा0 मंगलसैन सभागार में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषो को जलाना एक ज्वलंत मुदद है, इसके प्रति हम सब को सजगता के साथ कार्य करना होगा।
उन्होनें कहा कि सभी मोनिटरिंग टीम अच्छा कार्य कर रही है इसे ओर बेहतरीन तरीके से करना है ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने मे करनाल अग्रणी जिला बन सके। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाएं और जिला में पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करें। उन्होंने पराली जलाने की घटना पर रोक लगाने के लिए सब डिविजन लेवल पर नियुक्त नोडल अधिकारियों व सुपरवाईजरो को भी निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कड़ी नजर बनाए रखें और सभी टीमों को एक्टीव रखें, कहीं पर भी लापरवाही नजर नहीं आनी चाहिए।
उन्होंंने कहा कि मानिटरिंग टीम ऐसे किसानों पर कडी नजर रखें, जिन्होंने पिछले वर्ष पराली में आग लगाई थी। उन्होंने बताया कि जिला में 4 लाख 25 हजार एकड़ जमीन में 7 लाख 65 हजार मीट्रिक टन फसल अवशेष प्राप्त होता है। करनाल जिला से दो लाख मीट्रिक टन पराली की गाठें आईओसीएल की पानीपत रिफाइनरी को सप्लाई की जायेंगी जबकि पानीपत जिला से 14 हजार मीट्रिक टन गांठों की आपूर्ति होगी।
उपायुक्त ने बताया कि इन-सीटू(फसल अवशेष को खेतों में मिलाना) के लिये जिला में 75 सौ मशीनें उपलब्ध हैं। एक्स सीटू प्रबंधन के लिये 300 बेलर भी उपलब्ध हैं। इनसे करीब एक लाख 80 हजार एकड़ में फसल अवशेष का प्रबंधन किया जाएगा। पराली न जलाने पर सरकार दे रही 1 हजार रुपये अनुदान डीसी अनीश यादव ने कहा कि पराली न जलाने वाले किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। ऐसे किसानों को सरकार 1 हजार रुपये अनुदान राशि दे रही है। इस योजना के तहत करनाल जिला में 11 करोड़ 53 लाख रुपये की अनुदान राशि दी गई। इसके अतिरिक्त एथनॉल प्लॉट के लिए भी पराली के परचेज सेंटर भी उपलब्ध करवाए हैं। डीसी अनीश यादव ने आमजन से अपील की कि लोग पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करें। इससे पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होगा।
पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की बजाए बेहतर सुधार आया- उप निदेशक
कृषि विभाग के उप-निदेशक डा0 वजीर सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि आमजन पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में आगे आएं और सहयोग करें। उन्होंने कहा पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की बजाए बेहतर सुधार आया है। इस बार इस आंकड़े को शून्य करने के लिए हम सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रयास करना है। उन्होंने बताया कि इन-सीटू और एक्स-सीटू अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके लिये संबंधित किसान को जीपीएस के साथ खेत की फोटो लेकर पोर्टल 222.ddddhmddbdddhhm4ddththdd.ddsh1.dbth पर आवेदन करना होगा।
इस मौके पर एडीसी डॉ वैशाली शर्मा, एसडीएम करनाल अनुभव मेहता, एसडीएम घरौंडा अदिति, एसडीएम असंध वीरेंद्र ढुल, एसडीएम इंद्री अशोक कुमार, जिला परिषद के सीईओ गौरव कुमार, एमडी शुगरमिल हितेंद्र, डीआरओ श्याम लाल, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, सहित संबंधित सभी बीडीपीओ, ग्राम सचिव, पटवारी तथा कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।