करनाल/भव्या नारंग: दिल्ली पब्लिक स्कूल करनाल के विशालतम प्रांगण में प्रसिद्ध लेखिका नम्रता जैन के द्वारा एक अद्भुत कहानी कहने का शानदार सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में कक्षा-तीसरी से छठी तक के छात्रों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पढ़ने की आदतों को विकसित करना, पारंपरिक दृष्टिकोण तथा नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना था।
आज के आधुनिक युग में सोशल मीडिया की ओर तीव्रता से भागती दुनिया में नैतिकता के महत्व को समझना बेहद जरूरी है। उनके द्वारा रचित तीन पुस्तकों (नमस्ते कबीर, नमस्ते तुलसीदास ओर नमस्ते रहीम) में जीवन की गहराई को बड़ी ही खूबसूरती और स्पष्टता के साथ समझाया गया। प्रस्तुत कहानियों में दर्शाए गए पात्र बहुत ही प्यारे, न्यारे होने के साथ-साथ बच्चों के लिए आदर्श भी थे।
कार्यक्रम के माध्यम से आज की नवीन पीढ़ी में सभी के प्रति दया-भाव रखना, अपनी प्राचीन संस्कृति से जुड़े रहना, परोपकारी भावना, सहानुभूति आदि विकसित करना ही मुख्य ध्येय था। कार्यक्रम की दृढ़ता और गतिशीलता को बनाए रखते हुए उन्होंने प्रसिद्ध कवियों के विषय में कईं प्रश्न भी पूछे। जिनमें सभी छात्रों ने बहुत रुचि दिखाई। अधिकतर उत्साहित विद्यार्थियों के लिए व्यक्तिगत संदेशों वाली हस्ताक्षरित पुस्तकें खरीदने का सुनहरा अवसर भी था।
इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु स्वाती अग्रवाल, प्रधानाचार्या डा० सुमन मदान, प्रशासक दर्शन आहलूवालिया, मुख्याध्यापिका सोनिका राय, मुख्याध्यापक बलजीत चावला, तथा मुख्याध्यापिका तृप्ति सबरवाल भी उपस्थित रहे। कुल मिलाकर आज का सत्र सभी में पढ़ने की उत्सुकता के साथ-साथ आनंद से भरा हुआ था। लेखिका नम्रता जैन के प्रेरणादायक अनुभव का सभी उपस्थितगण ने बहुत लाभ उठाया। इस प्रकार कार्यशाला का सत्र पूरी तरह सफल रहा।