करनाल/कीर्ति कथूरिया : एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर योजना के अंतर्गत आधुनिक डेयरी प्रबंधन विषय पर बुधवार को सेक्टर 12 स्थित जाट भवन के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व पंजाब राज्यों से करीब 50 युवा इस रिफ्रेशर कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम के आयोजक डॉ. हैरी डेयरी एंड अलाइड कंसंलटेंसी सर्विसेज करनाल हैं।
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एसएस लठवाल ने प्रशिक्षणार्थियों को डेयरी प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में उन्नत नस्ल के पशुओं का चयन, वैज्ञानिक तरीके से डेयरी प्रंबंधन, शुद्ध दुग्ध उत्पादन और दूध की मार्केटिंग स्वयं करने जैसे बिंदु बहुत अहम हैं। पशुशाला का कुल खर्च निकालने के बाद प्रति लीटर दूध पर पशुपालक को कम से कम 10 रुपये बचने ही चाहिएं। पशुशाला में कार्य करने वाले श्रमिक भी प्रशिक्षित होने चाहिएं। क्योंकि इस समय डेयरी में दूध दोहने वाले कर्मियों की कमी महसूस की जाती है।
मुख्य अतिथि के रूप में आए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्साटेंशन मैनेजमेंट हैदराबाद के सलाहकार महेश माने ने विषय से संबंधित विचार रख व्यवसाय को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। एनडीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. केपीएस तोमर, डॉ. सुरेंद्र गुप्ता, जय बजरंग प्रतिष्ठान उत्तरप्रदेश के नोडल अधिकारी डॉ. जयकुमार श्योराण, कोर्स निदेशक डॉ. हरीराम गुप्ता, कार्यक्रम समन्वयक सतीश कांबोज ने युवाओं का मार्गदर्शन किया।