September 17, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया : उर्वरक क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको द्वारा, मंगलवार को पी.डब्ल्यू.डी. रेस्ट हाउस के सभागार में नैनो तरल उर्वरक जागरुकता अभियान के अन्तर्गत सहकारी कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में विकास गोयल, विकास अधिकारी, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक करनाल, कृषि विभाग से डा. राहुल दहिया, खण्ड कृषि अधिकारी, घरौंडा, बहादुर सिंह, सहायक क्षेत्र प्रबंधक, इफको चंडीगड़, महेश यादव, आर.एम.ई. इफको – ऐम.सी. हरियाणा, श्री मोहित ढूकिया, क्षेत्र अधिकारी इफको करनाल समेत 25 से अधिक पैक्स प्रबन्धकों/विक्रेताओं ने भाग लिया।

सर्वप्रथम मोहित ढूकिया ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भागीदारों का स्वागत किया व बताया की इफको द्वारा सहकारी समितियों के प्रबन्धकों/विक्रेताओं को कृषि से सम्बन्धित आधुनिक जानकारी देने व कृषि आदानों की बिक्री की योजना बताने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इफको द्वारा विश्व में सबसे पहले परम्परागत यूरिया के विकल्प के तौर पर तैयार किए गए नैनो यूरिया के कृषि में महत्त्व के बारे में सहकारी कार्यकर्त्ताओं को जागरुक करने को इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बताया ।

विकास गोयल ने अपने संबोधन में इफको द्वारा नैनो उर्वरक की खोज को एक क्रान्तिकारी कदम बताया व इसकी जागरूकता किसानों के बीच हो सके इसके लिए आहवान किया। इसके उपरांत महेश यादव ने धान व गन्ना की फसल में आने वाले नदीन, बीमारियों व कीटों के बारे चर्चा की व इनके प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा की। इसके उपरांत बहादुर सिंह ने बताया कि नैनों यूरिया इफको द्वारा एक नई खोज है जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया का निर्माण नैनो तकनीक के आधार पर कया गया है।

नैनो यूरिया की 500 एम एल की एक बोतल दानेदार यूरिया के एक बोरे (45 किलो) के बराबर कार्य करती है। और ये भी कहा कि क्योंकि इसका प्रयोग फसलों पर स्प्रे के रूप में किया जाता है, इसलिए इसकी प्रयोग क्षमता परम्परागत यूरिया से अधिक है। पौधे पत्तों व तने के माध्यम से इसको अवशोषित कर लेते हैं। यूरिया की तरह नैनो यूरिया भूमिगत जल, जमीन व वातावरण को प्रदूषित नहीं करता है।

उन्होंने किसानों को इसके प्रयोग के बारे में अधिक से अधिक जागरुक करने की आवश्यकता पर बल दिया। डा. राहुल दहिया ने कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे मै जानकारी दी। उन्होंने प्रबन्धकों को समय पर खाद के लाइसेंस का नवीनीकरण करवाने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में पैक्स कर्मचारियों के सामने आने वाली विभिन्न समस्यायों पर चर्चा की गई व श्री मोहित ढूकिया द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया ।

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