करनाल: दिल्ली में मोहल्ला सभा में अपने क्षेत्र का ठेका बंद करवाने के नियम की तर्ज पर अब अगर आप भी अपने क्षेत्र का ठेका बंद करवाना चाहते हैं तो 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। अगले वर्ष ठेके बंद करवाने को लेकर पंचायते को प्रस्ताव पास करना होगा व कॉलोनीवासियों को लिखकर देना होगा। गांव में यदि पंचायत शराब के ठेके को अगले वर्ष खुलवाना नहीं चाहती तो पंचातों को प्रस्ताव पारित करना होगा। इसके साथ-साथ नगर निगम क्षेत्र के लोगों की सहमति बनाकर पार्षद को लिखित में देना होगा। जिसके बाद शिकायत पंचायत व पार्षद को एक्साइज विभाग को देगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिपोर्ट बनाकर आबकारी विभाग अपने मुख्यालय को भेजेगा। इसके बाद सभी आवेदकों को चंडीगढ़ मुख्यालय में जाकर अपनी बाते रखनी होगी। ठेका हटाने का कारण बताना होगा, जिसके बाद उसी क्षेत्र के आबकारी इंस्पेक्टर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे जिसमें पता चलेगा कि गांव से ठेका हटाना चाहिए या नहीं। इसके लिए इंस्पेक्टर को भी कारण बताने होगे। शराब का ठेका हटाने के लिए रखी केवल एक शर्त शराब का ठेका हटाने के लिए सरकार ने केवल एक शर्त रखी है कि उस गांव या क्षेत्र में कभी भी शराब की अवैध बिक्री नहीं पकड़ी गई हो।
सीएम के जिले में 115 ठेकों में 55 ठेकों का विरोध ग्रामीण पंचायत पहले मई, जून, जूलाई के माह तक सीएम विंडो पर हो चुका है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री की ओर से 31 दिसंबर तक सभी जिलों में ग्रामीण में शराब के ठेके बंद करवाने को लेकर आवेदन मांगे गए है। जिसमें 6 ग्रामीण पंचायतों ने गांव में शराब के ठेके हटाने के लिए एक्साइज विभाग के पास आवदेन पहुंचे है। इसके साथ ही इन 6 ग्रामीण पंचायतों में 3 गांव कुंजपुरा की ओर लगने वाले महमदपुर, चुंडीपुर, नलवी पारटिला से आए है। इन तीन गांव के सरपंच ने बताया कि पिछले साल 11 मौत शराब पीने के कारण हो चुकी है, कई गांव के संरपचों ने बताया कि सरकार की ओर से मीटिंग में बुलाकर गांव के मुखिया को कहा जा रहा है
कि गांव में अवैध कच्ची शराब चलाई जाती है, तो शराब के ठेके में खुलने की क्या समस्या है। इसके एलावा करनाल के सदर क्षेत्र के गांव अबदुलापुर के सरपंच सुषमा रानी ने बताया कि ठेके पर शराब पीन से पिछले साल 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बार सरकार की ओर से शराब के ठेके का विरोध करने वाले गांववासियों के लिए एक माह अतिरिक्त का समय दिया गया है, पहले इसका समय 31 अक्टूबर को होता था, लेकिन अबकी बार 31 दिसंबर तक सभी गांव की पंचायते शराब के ठेके के विरोध में एक्साइज विभाग में जाकर आवेदन कर सकते है।
शराब के ठेके बंद करवाने को लेकर एक्साइज विभाग में 6 पंचायत महम्मदपुर, रसुलपुर कला, चुडीपुर, मुबारकाबाद, अबदुलापुर करनाल सदर एरिया, नलवी पारटिला से आवेदन आए है, जिसको लेकर शराब के ठेके के विरोध में इन पंचायतों ने विरोध जताया है। जबकि इससे पहले मई, जून, जूलाई के माह तक सीएम विंडो में 55 ठेकों के विरोध हो चुका है। सरकार का दावा कर रही है कि विरोध करने वाले गांव में अक्सर अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। शराब बेचने पर पंचायत से नगर निगम तक अंग्रेजी शराब की बोतल पर 7 रूपए, देसी शराब की बोतल पर बिक्री पर 5 रूपए ओर बियर की बोतल पर 3 रूपए बिक्री पर कमीशन दिया जाता है। इसमें ग्राम पंचायत का 70 प्रतिशत, पंचायत समिति 20 प्रतिशत ओर जिला परिषद का 10 प्रतिशत हिस्सा होता है। वहीं निगम क्षेत्र के ठेकों पर शराब की बिक्री का कमीशन संबंधित वार्ड को मिलाता है।