December 23, 2024
1
करनाल (भव्य नागपाल): करनाल का नाम स्मार्ट सिटी की लिस्ट में आने के बाद पूरे शहर के हर वार्ड, हर मार्किट, हर बड़ी-छोटी रोड़ पर आपको कुड़ा उठाते और झाडू लगाते निगम के कर्मचारी दिख जाएँगे। शहर में हर कौने पर, हर 500 मीटर पर दो तरह के नए डस्टबिन भी लगने लगे हैं। लेकिन शहर के प्रेम नगर इलाके वार्ड नं 18 में कैथल रोड़ पुल के नीचे कुछ घरेलू महिलाएँ पिछले एक हफ्ते से धरने पर बैठी हुई है और निगम द्वारा रिहाइशी इलाके के अंदर कूड़ा जमा करने की एक जगह का विरोध कर रही हैं। कारण है 2011 में यहाँ बना आधुनिक सफाई केन्द्र जिसमे करनाल नगर निगम ज़ोन 3 के नाम से कूड़ा इकट्ठा करती है और यहीं गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जाता है। यहाँ कि महिलाओं गंदगी व बदबू से तंग आकर सफाई केन्द्र के बाहर एक बैनर भी लगाकर पिछले एक हफ्ते से धरने पर बैठीं हैं। स्थानीय महिलाओं की मांग हैं कि चूंकि यह केन्द्र आवासीय इलाके में बना हुआ है तो सारे इलाके में बीमारियाँ बढ़ती जा रही है। साथ ही सारा दिन यहां कचरा भरा रहता है जिस कारण हमेशा ही यहाँ बदबू रहती है।
     
6 दिन से धरने पर बैठी महिलाएँ फिलहाल ख़ुश हैं कि रविवार और सोमवार को यहाँ निगम द्वारा इस जगह की सफाई कर दी गई है। लेकिन यहाँ का कूड़ा यहाँ से हटाकर अब जगह के सामने ही इकट्ठा होने लगा है। करनाल ब्रेकिंग न्यूज़ से खास बातचीत में कुछ महिलाओं ने इस केन्द्र को खुद साफ़ करने की बात कही। इलाके के लोगों से चंदा इकट्ठा करके यहाँ रंग-रोगन कराकर यहाँ छोटा पार्क जिसमें बैडमिंटन कोर्ट, ओपन एयर जिम, बैठने के लिए बैंच और पेड़-पौधे लगाने की व्यवस्था की जाएगी, महिलाओं को उम्मीद है कि शायद इस कदम से इलाके में नशे का सेवन करने वाले बच्चे सुधर जाएँ और अवारा पुरूषों के शराब सेवन के लिए यह बदनाम जगह, अब खुशहाल हो जाए। वही धरने पर बैठी महिलाओं को आस पास रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है ,महिलाओ ने यह भी बताया की इस जगह पर अवैध तरीके से देसी शराब का ठेका और मांस और मिट मुर्गे की सैंकड़ो दुकानें खुली हुई है जहाँ दिन रात आवारा लोग खुले आम शराब पीते रहते है इसलिए यहाँ से महिलाओं का निकलना भी दूभर हुआ पड़ा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.