November 24, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया : उत्तर भारत में जेनिसिस क्लासिस हर बार की तरह इस बार भी अपना अव्वल स्थान सुनिश्चत किया। संस्थान के 19 बच्चों ने 99 परसेंटाइल से अधिक अंक प्राप्त किए। गत देर रात जेइइ-मेंस के परीक्षा का द्वितीय चरण का परिणाम घोषित किया गया। इसमें जेइइ-मेंस में लगभग 40 बच्चों ने 98 परसेंटाइल से अधिक प्राप्त कर अपना दबदबा कायम किया।

आज सुबह से ही सफल बच्चों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। हर वर्ष साल में 2 बार जेइइ-मेंस की परीक्षा होती है। पिछले साल भी करनाल के सार्वधिक बच्चों ने जेनिसिस के विद्यार्थियों के रूप में सफलता अर्जित की। जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत सिंह ने कहा कि जेनिसिस ने गत 13-14 वर्षों में बच्चों के साथ मिलकर सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए।

जेइइ-मेंस ही नहीं इस वर्ष हमारा एनडीए का भी शानदार रिजल्ट आया है। इस साल जेनिसिस के 11 बच्चों ने एसएसबी क्वालिफाई कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। आयुष ने ऑल इंडिया 5वां स्थान अर्जित किया। इसक अलावा नीट, केवीपीवाई, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में जेनिसिस के विद्यार्थियों ने देश में अपनी बढ़त जारी रखी। इसकी शुरूआत आज फिर हो गई।

यहां के
पुनीत राणा ने 99.89 परसेंटाइल
वत्सल ने 99.87 परसेंटाइल
)षभ 99.77 परसेंटाइल
अनुभव 99.74 परसेंटाइल
नमन गोयल 99.72 परसेंटाइल
मसकीन सिंह 99.30 परसेंटाइल
सारांश गर्ग 99.63 परसेंटाइल
अर्नव सिंघल 99.62 परसेंटाइल
हर्ष राणा ने 99.87 परसेंटाइल
गौतम खोखर ने 99.80 परसेंटाइल
निखिल आनंद 99.49 परसेंटाइल
देवेन गायेल 99.49 परसेंटाइल
रिजूल गुप्ता 99.46 परसेंटाइल
आयुषी जिंदल 99.28 परसेंटाइल
शिव पंवार 99.28 परसेंटाइल
मयूर अरोड़ा 99.36 परसेंटाइल
आदित्या प्रताप 99.27 परसेंटाइल
कर्ण जांगड़ा 99.14 परसेंटाइल
सत्यम 99.04 परसेंटाइल
हासिल कर करनाल व जेनिसिस का नाम रोशन किया।

जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र अहलावत ने बताया कि जेनिसिस क्लासिस में सफलता के नए आयाम स्थापित करने के पीछे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाकर रखना। समय रहते उनके डाउट्स क्लियर करना। बच्चों की योग्यता को टेस्ट के रूप में अलग-अलग कसौटी पर कसना है। वह बच्चों को कभी निराश नहीं होने देते।

बच्चों के साथ-साथ अध्यापक भी मिलकर मेहनत करते है। तब जाकर सफलता हाथ लगती है। उन्होंने कहा कि 14 साल की यात्रा में करनाल के लोगों ने उनपर भरोसा किया। उस भरोसे को उनकी टीम ने कभी तोड़ा नहीं। यही कारण है कि आज करनाल नीट, जेइइ की परीक्षा में प्रदेश और देश में अव्वल रहता है। उन्होंने बताया कि जेनिसिस क्लासिस हमेशा बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहती है। उनका हमेशा यही प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक बच्चें सभी परीक्षा में सफल रहे और करनाल के अधिक से अधिक बच्चों और उनके अभिभावकों के सपने साकार हो।

इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है वत्सल
जेइइ-मेंस की परीक्षा में 99.87 परसेंटाइल प्राप्त कर वत्सल ने एक कदम सफलता की ओर आगे बढ़ाया है। अब उसका टारगेट देश टॉप आईआईटी में प्रवेश लेकर कुशल इंजीनियिर बनना है। वह अपनी सफलता का श्रेय जेनिसिस के स्टॉफ को देता है। उन्होंने बताया कि जेनिसिस में लगातार टेस्टों की श्रृखंला और टीचर्स का समय पर डाउट्स क्लियर करना उसकी सफलता का विशेष कारण रहा। जेनिसिस ने कभी उसे निराश नहीं होने दिया। उसका हौसला कभी नहीं टूटा।

99.89 परसेंटाइल प्राप्त करने वाले पुनीत राणा ने बताया कि वह शुरू से ही इंजीनियर बनना चाहता था। यही कारण रहा कि उसने जेनिसिस में प्रवेश लिया। जेनिसिस क्लासिस ने उसे औसत विद्यार्थियों से आगे बढ़ाकर विशेष बना दिया। उसकी परिणाम आज जो भी है उसके पीछे जेनिसिस क्लासिस का प्रमुख हाथ है।

99.22 अंक प्राप्त करने वाली आशुषी जिंदल ने बताया कि उसको हमेशा जेनिसिस क्लासिस के अध्यापकों ने उसे हमेशा प्रोत्साहित किया। आज उसे जो कुछ भी मिला है वह जेनिसिस क्लासिस की देन है। उसके अभिभावकों ने भी हमेशा प्रोत्साहित किया। घर रहकर पढ़ाई करना उसे जेनिसिस ने सिखाया। वह नए साथियों को भी यही कहना चाहती है कि अपने शहर में रहकर जेनिसिस के साथ मिलकर तैयारी करने से सफलता की गांरटी मिल जाती है।

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