(मालक सिंह) जैसे ही करनाल में नवदीप सैनी के इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्शन की खबर पता चली । उसके दोस्तों और चाहने वालो में खुशी की लहर दौड़ गई। अगले साल जनवरी से ही टीम इंडिया का साउथ अफ्रीका का दौरा शुरू होने जा रहा है. बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी ने साउथ अफ्रीका की तेज और उछाल भरी विकेट्स के मद्देनजर 17 सदस्यीय में पांच तेज गेंदबाजों को जगह थी. लेकिन टीम इंडिया का मैनेजमेंट इस खुश नहीं थी.
“मेहनत लाई रंग”
मेहनत और लगन से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन मे बडे से बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है और दुनिया मे अपनी अलग पहचान बना सकता है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है करनाल के कस्बा तरावड़ी के युवा खिलाड़ी नवदीप सैनी ने जो एक मध्यम परिवार से तालुक रखता है जिसने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब उसके घरेलू परिस्थितियों के हालात ठीक न होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन उसने कभी भी हिम्मत नही हारी और क्रिकेट खेलने की शुरुवात की जब उसने खेलना शुरू किया तब वह टेनिस बाल से खेला करता था फिर वह आगे बड़ा फिर उसके जीवन मे एक समय ऐसा आया था जब नवदीप के पास पहनने के लिए जूते और किट नही थी
खबर है कि टीम मैनेजमेंट ने बोर्ड के मांग की थी कि उसे चार और तेज गेंदबाजों को टीम के साथ साउथ अफ्रीका भेजने की जरूरत है. समाचार पत्र मुंबई मिररके मुताबिक टीम मैनेजमेंट ने बोर्ड को अपनी पसंद के चार गेंदबाजों के नाम भी बता दिए थे ये गेंदबाज थे हैदराबाद के मोहम्मद सिराज, मध्य प्रदेश के अवेश खान, दिल्ली के नवदीप सैनी और केरल के बेसिल थंपी.
टीम मैनेजमेंट चाहता है कि इस दौरे के शुरूआती डेढ़ महीने के दौरान जब टेस्ट सीरीज चल रही हो तब ये गेंदबाज टीम इंडिया के साथ रहें ताकि साउथ अफ्रीकी विकेट्स पर प्रैक्टिस करते हुए भारतीय बल्लेबाजों को अलग-अलग तरह की तेज गेंदबाजी का अभ्यास कराया जा सके. भारतीय टीम में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह के साथ-साथ ऑल राउंडर हार्दिक पांड्या भी शामिल हैं लेकिन कोच रवि शास्त्री चाहते हैं इन गेंदबाजों पर भारतीय बल्लेबाजों को नेट पर अभ्यास कराने का अतिरिक्त दबाव ना पड़े.
साउथ अफ्रीका की टीम में कैगिसो रबादा, मोर्नी मोर्केल, डेल स्टेन और फिलांडर जैसे तेज गेंदबाज है जो अपने लिए मुफीद विकेट्स पर भारतीय बल्लेबाजों के सामने मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार बोर्ड की ओर से टीम इंडिया की इस गुजारिश को मान लिया गया है