कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा है कि प्रदेश की मौजूदा मनोहर सरकार लोगों को रोजगार और रोटी देने में नाकाम रही है। सरकार कर्मचारियों से रोजगार छीन रही है। भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा कर्मचारी दुखी है। आम आदमी के लिए भी भाजपा सरकार रक्षक की जगह भक्षक साबित हो रही है। भाजपा भ्रष्टाचार की पौषक है। आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यहां के मतदाता भाजपा को मुंह तोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव और राम से लोगों का पेट नहीं भरता।
रोजगार के साधन बढऩे चाहिए। तंवर आज करनाल में सी.एम.ओ कार्यालय के बाहर प्रदेश भर से आए स्वास्थ्य विभाग के एन.एच.एम कर्मचारियों के धरना स्थल पर आयोजित सभा में बोल रहे थे। उन्होंने लिखित रूप से एन.एच.एम के आन्दोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार आई तो उनकी मांगो को हर कीमत पर पूरा किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश भर के कर्मचारियों ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया और कहा कि वह चुनावों में कांग्रेस को जिताने की पूरजोर कोशिश करेंगे। प्रदेश भर के एन.एच.एम कर्मचारी हड़ताल पर है। सी.एम सिटी में प्रदेश भर के लगभग 12500 कर्मचारी धरना स्थल पर बैठे है। पिछले 4 दिनों से धरना जारी है। इस मौके पर अशोक तंवर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ढोंगी और गब्बर सिंह है। वह कर्मचारियों को डंडे के बल पर काम करवाना चाहते है। भाजपा सरकार ने रोजगार दिया नहीं बल्कि छीना है। उन्होंने कल्पना चावला मैडिकल कालेज में उपकरणों की खरीद और कर्मचारियों की भर्ती के मामले मे धांधली की चर्चा करते हुए कहा कि जल्द ही इसे उजागर किया जाएगा। इस मौके पर एन.एच.एम के प्रदेशाध्यक्ष संजीव कुमार, सचिव जयपाल शर्मा, सुरेश नरवाल, डा. संतोष, इन्दु खुराना, संगीता, पवन और राजेश ने प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर का स्वागत किया। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश सचिव पंकज पुनिया, कृष्ण शर्मा बसताड़ा, जोगिन्द्र राणा, मनोज बेगमपुर, कर्म सिंह भुक्कल, डा. खजान सिंह, प्रदीप शर्मा, संतोष कैरालिया के साथ-साथ तमाम कांग्रेस नेता मौजूद थे।
प्रदेश भर के कर्मचारी है लम्बे समय से आन्दोलन पर : एन.एच.एम के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से आन्दोलन पर है। सी.एम सिटी में कर्मचारी पिछले चार दिनों से धरना दे रहे है। धरने के कारण समूचे प्रदेश में काम-काज प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही है। जिसकी वजह से लोग परेशान है। एन.एच.आर.एम कर्मचारियों की वजह से शहर में 19 एम्बुलैंसों मे से 14 एम्बुलैंस सेवाएं ठप्प पड़ी हुई है। एन.एच.एम यूनियन की सरकार से बातचीत हुई लेकिन कोई निराकरण नहीं निकला।