November 15, 2024

सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है। इस केस का संबंध राहुल गांधी के 2019 में किए गए बयान “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है” से था। कोर्ट ने गांधी को 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इसके कुछ ही समय बाद कोर्ट ने उन्हें 30 दिन की जमानत भी दी। राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे और उन्होंने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।

राहुल गांधी के वकील के अनुसार, उन्होंने कहा कि बयान देते समय उनकी मंशा गलत नहीं थी और वो सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे। इसके बावजूद, कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 400 और 500 के तहत दोषी करार दिया। इस धारा में 2 साल की सजा का प्रावधान होता है।

इस फैसले के बाद सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता खतरे में हो सकती है? जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय में कहा था कि अदालतों में 2 साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले जनप्रतिनिधियों (विधायकों-सांसदों) की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। इस निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो सांसद या विधायक सजा को अपील करेंगे, उन पर सदस्यता रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा।

राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में बताया कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। इस प्रक्रिया के लिए उनके पास 30 दिन का समय है। यदि राहुल गांधी इस फैसले को चुनौती देते हैं और सुप्रीम कोर्ट इसे बरकरार रखता है, तो रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के सेक्शन 8 (3) के मुताबिक टेक्निकली उनकी संसद सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

Via: HBN

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.