करनाल/कीर्ति कथूरिया : वल्र्ड वाटर डे के उपलक्ष्य पर पर्यावरण संरक्षण समिति (पंजीकृत) करनाल ने सैक्टर-13 में मीटिंग बुलाई। राम रतन अत्री, वरिष्ठ उपप्रधान द्वारा मीटिंग में बोतल बंद पानी को बन्द करवाने के बारे में ऐजैण्डा रखा गया।
समिति सदस्यों द्वारा शादी-विवाह आदि उत्सवों में बोतल बन्द पानी का प्रयोग बढ़ते हुए देखा है। अक्सर यह देखा गया है कि हजारों की संख्या में पानी की बन्द बोतलें मंगाई जाती है और सभी लोग चाहे बच्चे हो या बूढ़े हो, पानी की बन्द बोतल उठाते हैं और बोतल खोल कर कुछ पानी पीते हैं और बाकी फैंक देते हैं जिससे पानी की बर्बादी हो रही है। जितना पैसा बोतल बंद पानी पर खर्च हो रहा है उससे आधे खर्चे में नलों के पानी के प्रयोग से पानी की पूर्ति हो सकती है।
समिति चीफ पैटर्न कंवल भसीन ने बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ. की रिपोर्ट के मुताबिक बन्द बोतल का पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। जैसे ठहरे हुए पानी में कीटाणु पैदा हो जाते हैं वैसे ही पानी को बंद बोतलों में हवा आदि न होने के कारण पानी दूषित हो जाता है जिसे पीने से स्वास्थ्य खराब होता है। वैज्ञानिक बताते हैं कि कई ब्रांडों के बोतल बंद पानी जांच करने पर दूषित पाए गए हैं।
समिति अध्यक्ष एस.डी. अरोड़ा ने बताया कि रिर्पोटों के अनुसार दुनियाभर में बोतल बंद पानी पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यदि भारत वर्ष की बात करें तो सभी देशों से ज्यादा बोतल बन्द पानी का प्रचलन भारत में बहुत बढ़ गया है। यद्यपि शादी-विवाह आदि समारोहों में बोतल बन्द पानी जरुरी नहीं होता, लेकिन लोगों में स्टेटस दिखाने का फैशन बन गया है।
हालांकि इसके दूसरे अच्छे विकल्प मौजूद हैं। इसके स्थान पर नल आदि का पानी वाटर कूलरों में प्रयोग किया जा सकता है और गिलासों द्वारा पानी सर्व किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक तो बोतल बन्द पानी के प्रयोग से ज्यादा खर्चे से पैसे की बरबादी हो रही है, दूसरा पानी की भी बहुत ज्यादा बर्बादी हो रही है। तीसरा बोतल बन्द पानी के प्रयोग से लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। अत: पर्यावरण संरक्षण समिति (पंजीकृत) करनाल की मांग है कि प्रदेश सरकार एवं प्रशासन द्वारा शादी-विवाह आदि समारोह में बोतल बन्द पानी के इस्तेमाल पर पाबन्दी लगाई जाए।
इस अवसर पर चीफ पैटर्न कंवल भसीन, प्रधान एस.डी. अरोड़ा, वरिष्ठ उपप्रधान आर.आर. अत्री, विनोद गुप्ता, डॉ. एस.के. शर्मा, के.एल. नारंग, लै. कर्नल बी.डी. खुराना, डॉ. पुष्पा सिन्हा, शशी आर्या, बी.आर. शर्मा एडिटर, पूर्ण चन्द बजाज, अर्जुन देव वर्मा, एच.डी. कथूरिया आदि सदस्य उपस्थित रहे।