करनाल (भव्य नागपाल): प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप आने पर क्या करें- इसी विष्य पर ज़िला सचिवालय में बुधवार को एक मौकड्रिल की गई। इसके ज़रिए लोगों को यह बताने का प्रयास किया गया कि भुकंप जैसी कोई भी प्राकृतिक आपदा आने पर क्या किया जाए और क्या नही। दोपहर करीब 12:30 बजे सैक्टर 12 स्तिथ ज़िला सचिवालय में ज़िला प्रशासन और ज़िला रैड क्रोस सोसाइटी की तरफ से इस मौकड्रिल का आयोजन किया गया। तय समय पर सायरन बजा कर लोगों को सचेत किया गया और जल्द से जल्द पूरी बिल्डिंग को खाली कराया गया। भगदड़ होने से रोकने के लिए कुछ लोगों ने बुज़ुर्ग पुरूषों को बाहर निकालने में मदद की।
इस मौकड्रिल के तहत ही एम्बुलेंस, दमकल दल और आपदा प्रबंधन के लोगों को सूचित किया गया जिन्होंने आते ही पूरी फुर्ती से दुर्घटना का शिकार हुए डमी घायलों को हस्पताल पहुँचाया। साथ ही ज़िला सचिवालय से लगते ख़ुले मैदान में ज़िला सैशन जज ललित बत्रा, उपायुक्त आदित्य दहिया और एस.पी. जशनदीप सिंह रंधावा ने मौजूद लोगों को संबोधित किया। उपायुक्त दहिया ने कहा कि करनाल शहर भुकंप के मायनों में जोखिम के क्षेत्र में है जिसके चलते ही यह मौकड्रिल की गई ताकि लोग हमेशा ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें।
दहिया ने अपने संबोधन में कहा कि “लोगों को कभी भी ऐसे सायरन को नज़रअंदाज़ नही करना चाहिए। जैसे ही भुकंप आता है तो अपने नज़दीक कोई भी टेबल के नीचे बैठ कर झटकों के रुकने का इन्तेज़ार करना है। भुकंप के चलते लिफ्ट का उपयोग नही करना चाहिए और झटके रुकते ही खुले मैदान में आ जाना चाहिए।” उपायुक्त दहिया समेत एस.पी. रंधावा ने अपने संबोधिन में यह माना कि लघु सचिवालय में गल्त पार्किंग के कारण ट्रेफिक व्यवस्था ठीक नहीं हो पाई जिस कारण एम्बुलेंस को अंदर आने में समय लगा।