करनाल प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात सेवा केंद्र में जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में निफा कोर्डिनेटर नरेश बराना ने शिरकत की। सम्मानीय अतिथि के रूप में करनाल रोटरी क्लब प्रेजीडेंट विनोद अग्रवाल व सरिता ठाकुर पहुंचे।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीकृष्ण सर्वगुण सम्पन्न, 16 कला संपूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, संपूर्ण अहिंसक थे। सतयुग के वह प्रथम राजकुमार थे।
उनका तन और मन संपूर्ण पवित्र होने के कारण उनके मुकुट पर मोर का पंख लगा होता है। उनके राज्य में सुख चैन की बंसी बजती थी, इसके लिए उनके हाथ में मुरली दिखाई जाती है। उनके हाथ में दिखाया गया स्वदर्शन चक्र आत्मदर्शन व आत्म निरीक्षण करके अपनी कमियों, कमजोरियों व बुराइयों का गला काटने का प्रतीक है। श्री कृष्णजी के राज में अटल, अखंड सुख शांति थी।
एक धर्म, एक राज्य, एक कुल व सभी देवी देवता वहां एकमत थे। संपूर्ण भारत पर श्री कृष्ण का राज्य था। जहां घी, दूध की नदियां बहती थी। हीरे जवाहरात के महल थे। गऊ शेर एक घाट पर पानी पीते थे। भारत तब सोने की चिडिय़ा था। पवित्रता, सुख, शांति, हेल्थ, वेल्थ, हैपीनेस वहां संपूर्ण थी। मुख्य अतिथि नरेश बराना ने कहा कि श्रीकृष्ण के बहुत सारे नाम हैं, उन्हें योश्वर भी कहा जाता है।
उनमें पवित्रता, मधुरता, सहनशीलता, हर्षितमुखता, धैर्यता आदि गुण सम्माहित थे। डा. सरिता ठाकुर व विनोद अग्रवाल ने सबको जन्माष्टमी की बधाई दी। राजयोगिनी प्रेम दीदी को पौधा भेंट किया। नन्हें कलाकारों तक्ष, तनिष्का, रवीना व जसिका ने मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की।
कुमारी काजल, संजना, पूर्णिमा, खुशी, परी, नैंसी, मानवी, रूही, रिया, रितिका, जयास, नेहा व अनुशी ने भजनों पर नृत्य किया। नंदलाल वर्मा, जयंत शर्मा, हरीश गाबा ने कविताएं पढ़ी व गीत गाए।
इस मौके पर ब्रह्माकुमारी संगीता बहन, बीके रेणु बहन, शालिनी आनंद, ब्रह्माकुमारी शिखा बहन, हरिकृष्ण नारंग, ज्ञान सरदाना, कन्हैया लाल, गौरव चौधरी, डा. सुरेश शर्मा, अनिल खन्ना, कृष्ण, नवनीत शर्मा, जेआर कालरा, ईश्वर रमन, पार्षद मेघा भंडारी, पूर्व पार्षद नीना सिंह, सरोज चावला, छवि, विमल, सुनीता मदान, रीतू, हरिकृष्ण मलिक, कुणाल व साहिल मौजूद रहे।