November 22, 2024

करनाल की बेटी संजोली बैनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम किया रोशन , इंटरनेशनल लेवल पर डायना पुरस्कार से हुई सम्मानित करनाल की बेटी ,देखें Live – Share Video

संजोली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक कार्य के लिए प्रतिष्ठित अवॉर्ड डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार अलग अलग क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है। इससे पहले संजोली को आस्ट्रेलियन फेडरल संसद में एक दिन का पार्लियामेंट सदस्य बनने का अवसर भी मिल चुका है।

भारत की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है। इस नारे को सार्थक करने वाली करनाल की बेटी और सामाजिक कार्यकर्ता 22 वर्षीय संजोली बेनर्जी को पिछले 17 साल में किये समाजिक कार्य और मानव जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास के लिए विश्व के प्रतिष्ठित डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह पुरस्कार प्रिंसेज आफ वेल्स डायना की स्मृति में दिया जाता है। संजोली का इस पुरस्कार के लिए चयन डायना अवार्ड जजिंग पैनल्स के 12 सदस्यों द्वारा किया गया है जो कि बहुत कठिन व चुनौति भरा था| लन्दन में होने वाले इस अंतराष्ट्रीय सम्मान समारोह दुनिया भर से कई जाने माने लोग पहुंचते है पर , कोविड के चलते इस बार ये पुरस्कार वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिया गया।

संजोली के पांच वर्ष की आयु से चलाये गए मुख्य अभियान रहे ‘बेटी बचाओ-पृथ्वी बचाओ जिसके तहत उसने दोनों विषयों पर लघु फिल्में भी बनाई । इसके अलावा 4500 किलोमीटर के जागरूकता अभियान में हजारों लोगों को जागरूक किया व सैकड़ों पेड़ लगाए।

संजोली बेनर्जी गांव दरड़ में निशुल्क मोबाइल स्कूल गरीब बच्चों के लिए चला रही है और उनके जीवन को दिशा देने का प्रयास कर रही है। अपनी छोटी बहन अनन्या के जन्म पर भारत की पहली लोहड़ी बेटी के नाम मनाकर संजोली ने कन्या भ्रूण हत्या विरोधी अभियान को जन्म दिया।

2015 में उसने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को 14 प्वाईंटस का पत्र लिखा जिसमें उसने महिला थाने, नैशनल कमिशन फ़ॉर गर्ल चाईल्ड आदि का सुझाव दिया। वर्ष 2020 में उन्हें आस्ट्रेलियन फेडरल संसद में एक दिन का पार्लियामेंट सदस्य बनने का अवसर भी मिला ।

संजोली की छोटी बहन अनन्या भी एक सामाजिक कार्यकर्ता है जो कोरोना काल की पहली और दूसरी वेव्स के दौरान लोगों की मैन्टल हैल्थ व वेल बींग पर अभियान चला रही है। वो संजोली के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान सामाजिक कार्यों में दे रही है , संजोली के माता पिता शिक्षक हैं। संजोली बाकी बच्चों के लिए एक प्रेरणा है , आगे चलकर संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.