November 23, 2024

(कमल मिढा,मालक सिंह) कल पंचायत भवन में हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहुंचे श्रम एवं रोजगार राजमंत्री नायब सैनी के सामने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल की कमिशन खोरी का मुद्दा छाया रहा।

पधाना गाँव के सुरेश कुमार व प्रदीप ने सरकारी डॉक्टर्स पर लापरवाही से हुई बच्चे के मौत का आरोप लगाया। सुरेश कुमार ने बताया कि उसका बेटा नीरज सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था जब वह कल्पना चावला हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर में गए तो डॉक्टरों ने उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया, उसने यह आरोप भी लगाया कि कुछ डॉक्टर पर्ची पर प्राइवेट हॉस्पिटल का नाम भी लिख कर देते है।

सुरेश ने आगे बताया कि वो गरीब है ज्यादा फीस नहीं दे सकते थे, जिसपर उसके बेटे को पी जी आई चंडीगढ़ रेफेर कर दिया गया। जहाँ उसके बेटे ने दम तोड़ दिया अगर समय रहते इलाज़ मिल जाता तो शायद वह बच जाता। इस मामले की जांच में सिविल सर्जन डॉक्टर योगेश शर्मा न मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को दोषी पाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री नायब सैनी ने अगली बैठक में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर सुरेंद्र कश्यप को रिपोर्ट के साथ पेश होने के निर्देश दिए है।

करनाल ब्रेकिंग न्यूज़ पहले भी इस मामले को प्रमुखता से उठा चुका है। कई बार तो इस बाबत हरियाणा के मुख्मंत्री मनोहर लाल से भी सवाल किए जा चुके है। हांलकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर ऐसा कोई मामला सामने आया तो दोषियों के खिलाफ़ सख्त कारवाई की जाएगी , ऐसा कई बार हो चुका है कि मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टर गंभीर रूप से घायल मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में रैफर कर देते है। फिर शुरू होता है कमिशन खोरी का मोटा खेल।

सालो से करनाल ही नहीं आस- पास के जिलों के लोग भी मेडिकल कॉलेज की ओपनिंग का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे कि 650 करोड़ रुपये से बना हॉस्पिटल, वर्ल्ड क्लास मेडिकल सुविधाओं से लैस होगा, और उनको तत्काल मेडिकल सुविधाओं के लिये पी जी आई चंडीगड़ या रोहतक नहीं भागना पड़ेगा। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में अच्छी सुविधाएं होने के बावजूद सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट हॉस्पिटल से मिलने वाली मोटी कमीशन इसमें रोड़ा बनी हुई है।

बात यह भी सामने आई है कि हॉस्पिटल के कुछ कमिशन खोर डॉक्टर्स की वजह से ईमानदारी से काम करने वाले डॉक्टर की प्रतिष्ठा भी दागदार हो रही है।
अगर इस मामले में जल्द कोई ठोस कदम ना उठाएं गए तो कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज को अपनी अच्छी छवि बनाने में कई साल लग जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.