मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि हरियाणा की खेल नीति के कारण आज प्रदेश के खिलाडी को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिल रहा है, इतना ही नही प्रदेश सरकार ने राज्य के पराम्परागत खेल कबड्डी व कुश्ती को राष्ट्रीय खेलों की श्रेणी में शामिल करवाया है। हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां खिलाडियों को पदक लाने पर करोडों रुपये की राशि के नगद ईनाम तथा सरकारी नौकरी भी दी जा रही है, जिससे खिलाडियों को मनोबल बढ़ रहा है।
ओएसडी रविवार को स्थानीय रामलीला ग्राऊं ड में चल रहे पंखा दंगल में कुश्ती खिलाडियों के उत्साह वर्धन के लिए पहुंचे थे। उन्होंने मोनू मखाला व प्रवीन जयसिंहपुरा का परिचय लिया तथा उनका हाथ मिलवाकर कुश्ती की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि कुश्ती हरियाणा का एक पराम्परागत खेल है और इस खेल को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष विजयदशमी महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री जगदंबा देवी पंखा दंगल कमेटी करनाल द्वारा दंगल का आयोजन करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्राम स्तर पर व्यायामशालाएं खोली जा रही है, मिनी स्टेडिमों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के सभी स्टेडियमों में खेल प्रशिक्षकों की व्यवस्था की गई है। सरकार की इस पहल राष्ट्रीय व अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के खिलाडियों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। स्कूलों में खिलाडियों को छात्रवृति देने का प्रावधान है। उन्होंने पंखा दंगल संचालकों को बधाई दी। दंगल आयोजित कमेटी द्वारा ओएसडी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर कमेटी के प्रधान रामधन कांबोज ने बताया कि प्रतिवर्ष विजयदशमी महोत्सव के उपलक्ष्य में पंखा दंगल का आयोजन किया जाता है। इस दंगल में देश के विभिन्न राज्यों से खिलाडी भाग लेते है। उन्होंने बताया कि यह दंगल आजादी से पहले के समय से हो रहे हैं। इस कमेटी की स्थापना लाला भगत राम बजाज ने 1948 में की थी ।
इस मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनन्द, सतीश राणा, योगेन्द्र राणा, पार्षद विनोद तितोरिया, मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के प्रभारी कुलदीप शर्मा, चंचल राणा व नरेन्द्र पंडित सहित अन्य मौजूद रहे।