जिला में गेहूं की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध है, जो भी इन आदेशों की अवहेलना करेगा, वह भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आईपीसी एवं संंंपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा। प्रशासन की फाने जलाने वालों पर कड़ी नजर है, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ कृषि अधिकारियों की टीम द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि गेहूं की फसल की कटाई कम्बाईन मशीन करवाने के पश्चात इसके अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, सम्पत्ति की हानि, तनाव, क्रोध तथा मानव जीवन को भारी खतरे की सम्भावना रहती है। इन अवशेषों को जलाने से पर्यावरण में क्षति, जमीन में पोषक तत्वों की क्षति, किसान मित्र जीवों की क्षति तथा जनमानस के स्वास्थ्य पर धुएं से दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसानो को चाहिए वे फसल अवशेषो को ना जलाएं, बल्कि इसका सही निपटान करें और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचें।